चंडीगढ़ : अंतराष्ट्रीय पत्रकारिता केंद्र के अंतर्गत आठवें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिस्म का मारवाह स्टूडियो में भव्य रूप से उदघाट्न किया गया। समारोह का उदघाट्न करते हुए डॉ संदीप मारवाह ने कहा 12 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है और हमारा यही उद्देश्य है कि हम इस समारोह के जरिए प्रेम, शांति व एकता पूरे विश्व में स्थापित करें। समारोह के उद्घाटन के अवसर स्लोवेनिया के राजदूत मार्जन सेन्सेन, पेरू के राजदूत कार्लोस पोलो, बोस्निया के राजदूत मोहम्मद सेनजिक, रोमानिया के राजदूत राडू ऑक्टेवियन डोबरे, घाना के राजदूत माइकल एरॉन ओकाये, भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी तीरथ सिंह रावत, के. एल. गंजु, कॉलमनिस्ट अशोक कुमार टंडन, लिसोथो के कॉउंसलर हाई कमिशनर मोफते सेकमान, कॉलमनिस्ट माधवन नारायणन और फिल्म क्रिटिक कोमल नाहटा उपस्थित हुए जिसमें एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था ‘राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अखंडता को बनाए रखने में मीडिया की भूमिका’। मार्जन सेन्सेन ने इस अवसर पर कहा की अगर आप जर्नलिस्म में कदम रख रहे है तो आपकी कलम को सच्चाई लिखने की आदत होनी चाहिए क्योंकि ईमानदारी इस प्रोफेशन का सबसे अहम और सबसे पहला काज है और आज पत्रकारिता सिर्फ समाचारपत्र में नहीं रह गयी है वह न्यूज़ चैनल, ब्लॉग, सोशल मीडिया तक आ गयी है और आज सोशल मीडिया बहुत बड़ा माध्यम बन गया है किसी भी घटना पर आँखों देखा हाल लिखने और बताने के लिए। कार्लोस पोलो ने कहा की हमारे देश में हर किसी को अपने विचार प्रकट करने की खुले तौर पर आज़ादी है और लेखन की स्वतंत्रता है। राडू डोबरे ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की मैंने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से ही की थी लेकिन उस समय की पत्रकारिता अलग थी, आज की पत्रकारिता और नब्बे के दशक की पत्रकारिता में बहुत बदलाव आ गया है। मोहम्मद सेनजिक ने कहा कि अगर हम पत्रकारिता की बात करे तो उसमे बहुत बदलाव आया, पहले हमे किसी खबर के लिए सिर्फ रेडियो, टीवी या समाचारपत्र पर ही आश्रित रहते थे लेकिन आज आप विश्व भर की खबरे अपने मोबाइल पर उसी समय देख लेते है सोशल मीडिया और ऑनलाइन न्यूज़ के माध्यम से। कोमल नाहटा ने कहा कि पत्रकार का काम पूरे देश को सच्चाई से अवगत कराना होता है जो पत्रकार दिखाता है वही जनता समझती और जानती है इसलिए पत्रकार को हमेशा अपने काम के प्रति ईमानदार होना ज़रूरी है। तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैंने पत्रकारिता को जानने के लिए पत्रकारिता में डिप्लोमा किया लेकिन कुछ समय पश्चात ही इसमें मेरी रूचि खत्म हो गयी, आज एक सत्य यह है की जैसे राजनीति है वैसे ही जर्नलिस्म है दोनों में ही कड़ा परिश्रम है, काम की कोई समय सीमा नहीं है।
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September 18, 2024
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