प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कारोबारियों को भरोसा दिया कि वो उनके साथ हैं, आप एक कदम आगे बढ़ाइए, सरकार चार कदम आगे बढ़ाएगी। पीएम मोदी ने सीआईआई को 125 साल सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए बहुत-बहुत बधाई देते हुए कहा कि 125 सालों की यात्रा बहुत लंबी होती है। सवा सौ सालों तक किसी संगठन को चलाना बहुत बड़ी बात है। बल्कि मैं तो ‘Getting Growth Back’ से आगे बढ़कर ये भी कहूंगा कि हां! हम जरूर अपनी ग्रोथ वापस पाएंगे। आप लोगों में से कुछ लोग सोच सकते हैं कि संकट की इस घड़ी में, मैं इतने आत्मविश्वास से ये कैसे बोल सकता हूं? मेरे इस आत्मविश्वास के कई कारण है: कोरोना ने हमारी स्पीड जितनी भी धीमी की हो, लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यही है कि भारत, लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक1 में प्रवेश कर चुका है।
अनलॉक1में इकोनॉमी का बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। आज ये सब हम इसलिए कर पा रहे हैं, क्योंकि जब दुनिया में कोरोना वायरस पैर फैला रहा था, तो भारत ने सही समय पर, सही तरीके से सही कदम उठाए। दुनिया के तमाम देशों से तुलना करें तो आज हमें पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना व्यापक प्रभाव रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने गरीबों को तुरंत लाभ देने में बहुत मदद की है। इस योजना के तहत 74 करोड़ लाभार्थियों के घर तक राशन पहुंचाया जा चुका है। प्रवासी श्रमिको के लिए भी फ्री राशन पहुंचाया जा रहा है। भारत को फिर से तेज़ विकास के पथ पर लाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 चीजें बहुत ज़रूरी हैं। इरादा, समावेश, निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चरऔर नवीनता।हाल में जो बोल्ड फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी। इसके अलावा अभी तक गरीब परिवारों को 53000 करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। महिलाएं, दिव्यांग, बुजुर्ग हो या श्रमिक हो हर किसी को इससे लाभ मिला है। इतना ही नहीं प्राइवेट सेक्टर के 50 लाख कर्मचारियों के खाते में 24% ईपीएफ का योगदान सरकार ने दिया है। इनके खाते में करीब 800 करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफ़ार्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी।अगर मैं कृषि सेक्टर की बात करूं तो हमारे यहां आजादी के बाद जो नियम-कायदे बने, उसमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया था एपीएमसी एक्ट में बदलाव के बाद अब किसान जिसे चाहे अपनी फसल बेच सकता है।