नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर प्रवासी श्रमिकों के लिए, उसके द्वारा मुहैया कराई गयी बसों को चलाने की अनुमति नहीं देने तथा ‘ओछी राजनीति’ करने का आरोप लगाया और फिर उप्र-राजस्थान सीमा पर खड़ी बसों को वापस भेज दिया। बसों को वापस भेजे जाने से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहाकि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान, काम बंद हो जाने के कारण अपने अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की मदद करने को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और उत्तर प्रदेश सरकार को कांग्रेस पार्टी की ओर से मुहैया कराई गयी बसें चलाने की अनुमति देना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पिछले चार दिनों में हमने जो ओछी राजनीति देखी है उससे मन खट्टा हो गया है। क्या योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए उनकी राजनीति ही सब कुछ है? क्या श्रमिकों का दर्द उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों ने झूठ बोला। प्रदेश और केंद्र की सरकार ने मजदूरों से मुंह फेर लिया। इससे ज्यादा राष्ट्रविरोधी कुछ नहीं हो सकता।’’ सुप्रिया ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश प्रशासन ने खुद माना कि 879 बसें सही थीं। अगर ये बसें चलाई जातीं तो अब तक 92 हजार लोगों को उनके घर भेज दिया जाता। लेकिन योगी सरकार ने राजधर्म से मुंह मोड़ा है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा ने आरोप लगाया, ‘‘इस सरकार ने अहंकार के चलते कांग्रेस की मांग नहीं मानी। कहीं ऐसा नहीं हो कि इन 54 दिनों के लॉकडाउन के बाद, इसी अहंकार के कारण कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाए।’’ इससे पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने वीडियो लिंक के माध्यम से एक बयान में कहा, ‘‘हम सबको अपनी जिम्मेदारी समझनी पड़ेगी। ये श्रमिक भारत की रीढ़ की हड्डी हैं। उन्होंने भारत को बनाया है। हम सभी को इनकी मदद करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीति करने का समय नहीं है।हर राजनीतिक दल अपने पूर्वाग्रहों को दूर करके लोगों की मदद में सेवा भाव के साथ शामिल हो।