नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ने प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत देश भर में एक करोड़ छोटे और सीमांत किसानों का पंजीकरण का लक्ष्य तय किया है। पंजीकरण का काम पहले ही शुरू हो चुका है। इसकी औपचारिक शुरुआत नौ अगस्त को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कर दी है। सीएससी के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने बताया कि देश में कुल दो लाख गावों में सीएससी सेंटर हैं। सभी सेंटरों को किसानों के पंजीकरण को प्राथमिकता के साथ पूरा करने का निर्देश भेजा गया है। वैसे तो कृषि मंत्रालय ने पंजीकरण के लिए सालभर में एक करोड़ किसानों का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन हमारे सेंटर इसे समय से पहले पूरा कर सकते हैं। डॉ. त्यागी ने कहा कि कंप्यूटर आधारित पंजीकरण बहुत आसान है। किसानों को केवल आधार कार्ड और बैंक खाते का विवरण लाना होगा। इसी से उनका किसान पेंशन यूनिक नंबर के साथ पेंशन कार्ड बनाया जाएगा। यह योजना जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी लागू होगी।
पीएम किसान मान-देय योजना एक स्वैच्छिक और अंशदायिक पेंशन योजना है। इसमें 18-40 वर्ष का कोई भी किसान शामिल हो सकता है। उसे महीने में पेंशन राशि के अनुरूप अपनी उम्र के लिहाज से 55 से 200 रुपये तक का अंशदान देना होगा। वह जितना अंशदान देगा उतनी ही राशि सरकार की ओर से भी उसके खाते में जमा कराई जाएगी। जिससे उसकी पेंशन राशि जमा होगी।
एक परिवार में पति और पत्नी दोनों भी योजना में शामिल हो सकते हैं लेकिन दोनों को अपने हिस्से का अंशदान अलग से देना होगा। अगर पेंशन हासिल करने से पहले ही अशंदायक की मौत हो जाती है या वह इस योजना को जारी नहीं रखना चाहता है तो उसकी ओर से जमा समस्त राशि ब्याज के साथ उसके पति या पत्नी को मिल जाएगी। योजना के पंजीकरण के लिए कॉमन सर्विस सेंटर को विशेष दायित्व सौंपा गया है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को खेती की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके लिए खसरा/खतौनी के अलावा आधार कार्ड , जनधन खाते की डिटेल और मोबाइल नंबर देना होगा जो कि आधार और बैंक खाते में जुड़ा हो। बता दें कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 10,774.5 करोड़ सालाना बोझ पड़ेगा। योजना से जुड़ने के लिए किसानों को मासिक 100 रुपये का योगदान देना होगा। यह रकम उम्र बढ़ने के हिसाब से बढ़ती है। इसके बाद योजना में 60 साल से ऊपर के किसानों को 3000 रुपये तक प्रति माह पेंशन मिलेगी। वहीं अगर किसान की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 50 फीसद रकम का भुगतान मिलता रहेगा। यानी उसे 1500 रुपये मिल सकते हैं। इसकी जिम्मेदारी जीवन बीमा निगम को दी गई है।
