जम्मू। बेरोजगारी की मार झेल रहे जम्मू कश्मीर के लिए आने वाले दिन रोजगार के नए अवसर लेकर आएंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद बड़े औद्योगिक घराने यहां पर निवेश करने को लेकर उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री की अपील के बाद कइयों ने तो निवेश की घोषणा भी कर दी है और कई केंद्र सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले पैकेज की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्य प्रशासन उद्योगपतियों को लुभाने के लिए जम्मू कश्मीर में 12 से 14 अक्टूबर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन भी आयोजित करने जा रहा है। अनुच्छेद 370 हटने के तुरंत बाद पंजाब के ‘ट्राइडेंट’ समूह ने राज्य के दस हजार परिवारों को रोजगार देने का वादा किया है। वहीं ‘पालिसी बाजार’ ने चार हजार रोजगार देने की बात की है। इसी तरह ‘उदय कोटक’, ‘अमूल इंडिया’ और हेलमेट बनाने वाली ‘स्टीलबर्ड’ कंपनी ने भी जम्मू-कश्मीर में निवेश करने की घोषणा की है। मुकेश अंबानी ने एक दिन पहले ही कंपनी की एजीएम में राज्य में निवेश की इच्छा जताई है। कई अन्य समूह जो पहले भी जम्मू-कश्मीर में निवेश कर चुके हैं, अब व्यापार का दायरा बढ़ाना चाहते हैं। इनमें ‘लेमन ट्री’ समूह का गुलमर्ग और सोनमर्ग में होटल बनाने का प्रस्ताव है। इस ग्रुप के पहले से ही राज्य में तीन होटल हैं। इसके अलावा रेडिसन, डाबर, बर्जर पेंट, सन फार्मा, कैडिला भी यहां पर पहले से हैं। जम्मू चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान राकेश गुप्ता ने कहा कि राज्य में उद्योग आने से सबसे ज्यादा लाभ यहां के युवाओं को होगा। इंडस्ट्री एंड कॉमर्स विभाग के प्रमुख सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि 12 से 14 अक्टूबर तक होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन के प्रचार के लिए दुबई, लंदन, नीदरलैंड, सिंगापुर और मलेशिया में रोड-शो किए जाएंगे। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद में राष्ट्रीय स्तर के रोड शो होंगे। सम्मेलन का उद्घाटन श्रीनगर में 12 अक्टूबर को शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआसीसी) में होगा और समापन 14 अक्टूबर को जम्मू विश्वविद्यालय में। जम्मू-कश्मीर ट्रेड प्रमोशन आर्गेनाइजेशन सम्मेलन आयोजित करने वाली नोडल एजेंसी है और भारतीय उद्योग परिसंघ सम्मेलन का राष्ट्रीय पार्टनर है। ‘अर्नेस्ट एंड यंग’ व ‘प्राइज वाटरहाउस कूपर्स’ कंपनियां भी आयोजन में सहयोग करेंगी। एक सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि सम्मलेन तीन महीने पहले से तय था। इसका अनुच्छेद 370 हटने से कोई लेना-देना नहीं है। जम्मू विश्वविद्यालय के छात्र दीपक गुप्ता को नए उद्योगों को लेकर बेहतर भविष्य की आस जगी है। वह कहते हैं कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार की संभावना बहुत कम है, ऐसे में अगर उद्योग लगते हैं तो बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसी विश्वविद्यालय के तारिक अहमद का कहना है कि अगर उद्योग लगते हैं, तो इससे सभी को लाभ मिलेगा।’जम्मू-कश्मीर में हैंडीक्राफ्ट क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। राज्य में हैंडीक्राफ्ट के बाद फूड प्रोसेसिंग ऐसा क्षेत्र है जिसमें रॉ-मैटेरियल आसानी से उपलब्ध है।