वाशिंगटन। कोरोना महामारी से घिरा अमेरिका अब हिंसा की चपेट में हैं। अश्वेत मूल के अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। लोग न्याय की गुहार लगाते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। 50 में से 40 राज्यों के 140 शहरों में हिंसक प्रदर्शन और लूटमार हो रही है। जिसकी तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। इसी बीच शुक्रवार (29 मई) की रात व्हाइट हाउस के सामने हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हो गए और जॉर्ज के लिए इंसाफ की मांग करने लगे। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए व्हाइट हाउस के सुरक्षा अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुफिया बंकर में ले गए। जानकारों का कहना है कि अंडरग्राउंड बंकर किसी भी आपात स्थिति में राष्ट्रपति और उनके परिवार को सुरक्षित रखा जा सके इसीलिए बना है।
हॉलीवुड फिल्म व्हाइट हाउस डाउन और ओलिम्पस हेज फॉलेन में आप सभी ने देखा ही था कि किस तरह से सुरक्षा अधिकारी व्हाइट हाउस के भीतर मौजूद खुफिया बंकर में राष्ट्रपति को ले जाकर आपात स्थिति में उनकी रक्षा करते हैं। वैसे इस बंकर को प्रेजीडेंशियल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर भी कहा जाता है।
खुफिया बंकर
व्हाइट हाउस में मौजूद खुफिया बंकर के निर्माण के साल की कुछ खास जानकारियां तो नहीं हैं लेकिन जब खंगाला गया तो व्हाइट हाउस हिस्ट्री की वेबसाइट पर इसके बारे में जानकारियां मिलीं। बता दें कि साल 1941 में पर्ल हार्बर अटैक के तुरंत बाद खुफिया बंकर को तैयार कर लिया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक जब फ्रेंकलिन रूजवेल्ट राष्ट्रपति थे। उस वक्त सुरक्षा अधिकारियों ने खतरे को भांपते हुए उनसे व्हाइट हाउस छोड़कर कहीं और जाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने जाने से इंकार कर दिया और कहा कि व्हाइट हाउस के भीतर ही सुरक्षा के लिहाज से एक गुप्त जगह बनाई जाए।