महाराष्ट्र में सियासी रोमांच दिनो-दिन बढ़ता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी से रिश्ता तोड़ने के बावजूद भी शिवसेना महाराष्ट्र को सरकार देने में कामयाब नहीं हो पाई है। शिवसेना ने इसके लिए भरपूर कोशिश की और मोदी कैबिनेट से अपने मंत्री अरविंद सावंत का इस्तीफा तक दिला दिया, लेकिन कई राउंड की मीटिंग करने के बावजूद कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन पर अंतिम निर्णय नहीं लिया। जिसके बाद राज्य नें राष्ट्रपति शासन लग गया। लेकिन इन सब के बीच पहली बार सारे सियासी धटनाक्रम को बारिकी से देख रहे बीजेपी के चाणक्य और देश के गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। अमित शाह ने महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “चुनावों से पहले पीएम और मैंने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे, तब किसी ने आपत्ति नहीं की थी। अब वे नई मांगें लेकर आए हैं, जो हमें स्वीकार्य नहीं हैं।” अमित शाह ने आगे कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार बनाने के लिए 18 दिन जितना समय नहीं दिया था। राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। न तो शिवसेना और न ही कांग्रेस-राकांपा ने दावा किया और न ही हमने। अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है। बता दें कि महाराष्ट्र में 24 नवंबर को परिणाम घोषित होने के बाद 12 नवंबर को किसी भी पार्टी द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।