प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने हर घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य से सौभाग्य योजना की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ 25 सितम्बर 2017 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर किया था। सौभाग्य योजना का लक्ष्य दिसंबर 2019 तक हर घर बिजली पहुंचाना था। इस योजना को प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना भी कहा जाता है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्यों में इस योजना को चलाना एक बड़ी चुनौती थी। कुछ हद तक सरकार को इसमें कामयाबी भी मिली है और इसे मोदी सरकार की सफल योजनाओं में से एक माना गया है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत सबसे अच्छा काम बिहार में हुआ है।
सौभाग्य योजना क्या है
साल 2011 की सामाजिक- आर्थिक जनगणना में जिन लोगों का नाम है, उन्हें सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। –जिन लोगों का नाम 2011 की सामाजिक-आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए 500 रुपये देने होते हैं। इसे दस आसान किस्तों में भी चुकाया जा सकता है। –इस योजना के तहत सरकार गांवों तक बिजली पहुंचाने के साथ-साथ जहां बिजली नहीं जा सकती वहां के लोगों को एक सोलर पैक देगी जिसमें पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा होगा। सरकार ने इस योजना के लिए 16 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा है। –सरकार ने इस योजना के लिए 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 14,000 करोड़ रुपये के आसपास का बजट है जबकि बाकी का रकम शहरी क्षेत्रों के लिए है।
क्या होगा इसका लाभ-इस योजना के तहत सभी गांवों और शहरों का बिजलीकरण होगा। –इसके तहत ट्रांसफॉर्मर्स, मीटर्स और तारों के लिए सब्सिडी मिलेगी। –जहां बिजली नहीं जा सकती वहां के लोगों को ‘सौलर पैक’ दिया जाएगा।
योजना से जुड़ने के लिए जरूरी दस्तावेज-आधार कार्ड–वोटर आईकार्ड –मोबाइल नंबर –बैंक खाता –ड्राइविंग लाइसेंस यह योजना भारत को विकासशील देश से विकसित देश में बदलने में अहम भूमिका निभाएगी। माना जा रहा है कि इस योजना से शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में क्रांति आएगी जो देखने के भी मिल रही है। इस योजना से जहां बिजली उपलब्ध हो