10 पाकिस्‍तानी सैनिक और 35 आतंकी ढेर, चार लांचिंग पैड तबाह

भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर उड़ी के टंगडार सेक्टर में अपने दो सैनिकों की शहादत और एक नागरिक की मौत का बदला चंद घंटों में लेते हुए पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया है। भारत ने बड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए गुलाम कश्मीर की नीलम और लीपा घाटी में आतंकियों के चार लांचिंग पैड को पूरी तरफ तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में करीब 10 पाकिस्तानी सैनिकों और हिजबुल और जैश के 35 आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। वहीं, पाक सेना की दो बटालियन पंजाब रेजिमेंट और मुजाहिद रेजिमेंट को भारी नुकसान पहुंचा है। भारत ने इस कार्रवाई में अपनी आर्टिलरी और मल्टी बैरल राकेट लांचर पिनाका के साथ बोफोर्स तोप का भी इस्तेमाल किया। देर शाम तक दोनों तरफ से रुक-रुककर गोलाबारी जारी थी। पाकिस्तानी सेना शनिवार रात से ही टंगडार में गोलाबारी कर भारत में आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश कर रही थी, जिसे सेना ने नाकाम बना दिया था। इस दौरान एक मोर्टार सैन्य चौकी के पास फटने से दो सैनिक घायल हो गए। बाद में वे शहीद हो गए। शहीद जवानों की पहचान हवालदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठा के रूप में हुई है। इस गोलाबारी में एक नागरिक मोहम्मद सादिक की भी मौत हुई थी। जबकि तीन नागरिक मोहम्मद मकबूल, मोहम्मद शफी और युसुफ हमीद घायल हुए हैं। इसके अलावा टंगडार के गुंडीशाह में पाक गोलाबारी में पांच मकानों के तबाह होने के साथ करीब 50 मवेशी भी मारे गए हैं। इसकी पुष्टि सेना की उत्तरी कमान के पीआरओ डिफेंस कर्नल राजेश कालिया ने भी की है। पाकिस्तान की हरकत के बाद भारतीय सेना ने भी कड़ा जवाब दिया। सेना ने रविवार को सटीक प्रहार कर एथमुकाम में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय को नुकसान पहुंचाने के साथ जूरा और कुंडल साही में पाकिस्तान के लांचिंग पैड तबाह कर दिए। इन लांचिंग पैड पर मौजूद कई आतंकी मारे गए। सूत्रों के अनुसार, भारत की इस कार्रवाई में करीब 10 पाकिस्तानी सैनिकों और 35 आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। इसके अलावा कई सैनिक और आतंकी घायल भी हुए हैं। पाकिस्तानी सेना के छह वाहन और तीन इमारती ढांचे भी तबाह हुए हैं। बताया जा रहा है कि तबाह ढांचों में पाक सेना का तेल और एम्युनिशन डिपो भी था।इस कार्रवाई के बाद जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतराष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट है। सेना, सीमा सुरक्षाबल किसी भी प्रकार का जवाब देने के लिए तैयार हैं। वहीं, पाकिस्तानी गोलाबारी से बचने के लिए बारामुला और कुपवाड़ा में एलओसी के साथ सटे इलाकों में रहने वाले कई ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *