जम्मू। यात्रा के 20 दिनों में 22 लोगों की मौत हो गई। इनमें 18 श्रद्धालु, दो सेवादार और दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। पिछले चार दिनों में ही छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इसके अलावा 30 श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर पत्थर गिरने से घायल हो गए हैं। बाबा अमरनाथ की यात्रा एक जुलाई को शुरू हुई थी। समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी की गुफा तक जाने के लिए दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी भी होती है। इस कारण कई लोगों को हृदयघात हो जाता है। यात्रा के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र को अनिवार्य रखने के बावजूद हर साल कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाती है। इस साल अभी तक 22 की मौत हुई है। यही नहीं यात्रा मार्ग पर माउंटेन रेस्क्यू टीमें, ITBP के जवान और अन्य सुरक्षाकर्मी भी श्रद्धालुओं की पूरी देखभाल कर रहे हैं। अपने साथ उन्होंने ऑक्सीजन का प्रबंध भी रखा हुआ है। कई श्रद्धालुओं की वे जान बचा चुके हैं। इस बार यात्रा के आधार शिविर बालटाल में एफएम रेडियो भी स्थापित किया गया है। इसमें श्रद्धालुओं को भजन सुनाने के अलावा मौसम के बारे में पल-पल की जानकारी दी जा रही है। यही नहीं श्रद्धालुओं को यह भी बताया जा रहा है कि यात्रा मार्ग पर अपने स्वास्थ्य की देखभाल किस तरह से करें।
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September 18, 2024
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