D.J.S News Dehradun : नमामि गंगे के दूसरे चरण के तहत गंगा की सहायक नदियों के लिए प्रोजेक्ट मंजूर होना शुरू हो गए हैं। देहरादून में रिस्पना, रामनगर में कोसी में सीवर न गिरे, इसके लिए 114 करोड़ के दो प्रोजेक्ट मंजूर हुए। इसके साथ ही श्रीनगर में श्रीकोट के लिए भी सात करोड़ का एक छोटा प्रोजेक्ट मंजूर किया गया। दून में रिस्पना नदी किनारे बने घरों से पतनालों के जरिए गिर रहा सीवर नदी में जाने से रोका जाएगा। घरों के सीवर के कारण रिस्पना में गंदगी बढ़ रही है। इससे मोथरोवाला में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद भी कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। बड़ी कालोनियां तो सीधे ब्रांच और बड़ी सीवर लाइनों के जरिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़ गईं लेकिन बस्तियां और ऐसे घर जहां सीवर लाइन मुमकिन नहीं, उन्हें इस नये प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा। इसी तरह रामनगर में कोसी नदी में भी सात एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार होगा। प्लांट के साथ ही सीधे नदी में गिर रहे नालों को भी टैप किया जाएगा। इन नालों को भी लाइनों से जोड़कर सीधे प्लांट में लाया जाएगा। श्रीनगर गढ़वाल के श्रीकोट क्षेत्र के नालों को नदी में गिरने से रोकने के लिए सात करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट तैयार होगा।
नहीं गिरेगा सीवर
केंद्र सरकार ने देहरादून में रिस्पना, रामनगर में कोसी और श्रीनगर में श्रीकोट के लिए मंजूर किए 121 करोड़ नदियों में घरों के गिर रहे सीवर को सीधे किया जाएगा टैप, लाइनों के जरिए सीधे एसटीपी तक पहुंचेगा सीवर
रिस्पना किनारे चिह्नित किए गए 1700 घर
जल निगम की देहरादून डिवीजन की ओर से एक प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इसके तहत करीब 1700 ऐसे घर चिह्नित किए गए हैं, जिनका सीवर सीधे नदी में जा रहा है। इससे निपटने को यहां छोटा एसटीपी बनाया जाएगा।
फरवरी 2020 तक पूरे होंगे गंगा के काम
नमामि गंगे की सभी परियोजनाओं पर काम अब शुरू हो गया है। इन योजनाओं को पूरा करने की समय सीमा अलग अलग है। हालांकि सभी काम फरवरी 2020 तक पूरे किए जाने हैं। जल निगम की तैयारी इन सभी कार्यों को दिसंबर 2019 तक पूरा करने की है।
नई परियोजनाएं मंजूर हो गई हैं। ये परियोजनाएं रिस्पना, कोसी व श्रीकोट के लिए मंजूर हुई हैं। इन परियोजनाओं पर आचार संहिता समाप्त होने के बाद काम शुरू कराया जाएगा। कार्यों को तेजी के साथ पूरा किया जाएगा। नए प्रोजेक्ट की भी प्लानिंग साथ-साथ चल रही है।
भजन सिंह, एमडी, जल निगम