लंदन। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति विश्व कप में भारत के प्रदर्शन की कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली के साथ समीक्षा करके अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिये खाका तैयार करेगी। विनोद राय की अध्यक्षता वाली समिति प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से भी बात करेगी । समिति में डायना एडुल्जी और लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रिव थोडगे भी हैं। राय ने सिंगापुर से प्रेस ट्रस्ट से कहा, ‘‘कप्तान और कोच के ब्रेक से लौटने के बाद बैठक जरूर होगी । मैं तारीख और समय नहीं बता सकता लेकिन हम उनसे बात करेंगे। हम चयन समिति से भी बात करेंगे।
उन्होंने आगे ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। राय ने कहा, ‘‘भारत का अभियान अभी खत्म हुआ है। कहां, कब और कैसे जैसे सवालों का मैं आपको कोई जवाब नहीं दे सकूंगा।’’ शास्त्री, कोहली और प्रसाद को कुछ सवालों का जवाब देना पड़ सकता है। मसलन आखिरी श्रृंखला तक अंबाती रायुडू का चयन तय था लेकिन अचानक वह चौथे नंबर की दौड़ से बाहर कैसे हो गए। दूसरा, टीम में तीन विकेटकीपर क्यो थे खासकर दिनेश कार्तिक की क्या जरूरत थी जो लंबे समय से फार्म में नहीं थे।
तीसरा, सेमीफाइनल में महेंद्र सिंह धोनी को सातवें नंबर पर क्यो उतारा गया। समझा जाता है कि धोनी को नीचे भेजने का फैसला बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ का था। यह भी पूछा जायेगा कि सहायक कोच के इस फैसले का मुख्य कोच ने विरोध क्यो नहीं किया। मौजूदा चयन समिति बीसीसीआई की आमसभा की बैठक तक बनी रहेगी। ऐसे में प्रसाद को चयन बैठकों में अधिक सक्रिय रहने की सलाह दी जा सकती है। असल में समस्या प्रसाद से नहीं बल्कि शरणदीप सिंह और देवांग गांधी से है क्योंकि कइयों का मानना है कि उनका कुछ योगदान नहीं रहता।