भारत के साथ द्विपक्षीय मुकाबलों को फिर से करना सर्वोच्च प्राथमिकता: पीएचएफ

कराची। पाक हॉकी महासंघ के नवनियुक्त महासचिव आसिफ बाजवा ने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय मैचों को फिर से आयोजित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है जिससे महासंघ को वित्तीय संकट से बाहर निकाला जा सकता है। पिछले महीने महासचिव बनने वाले बाजवा ने कहा कि उन्होंने इस पर अभी काम करना शुरू नहीं किया है लेकिन उन्हें सफलता मिलने की उम्मीद हैं। बाजवा ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि मुझे भारत के साथ द्विपक्षीय हाकी संबंधों के मुद्दे पर किसी से बात करने का मौका मिला है। लेकिन यह मेरा मुख्य लक्ष्य है और मुझे उम्मीद है कि हॉकी में दोनों देशों के बीच की कड़वाहट दूर होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मैं इसे देखता हूं, अगर हम उन्हें खेलने के लिए मना लेते हैं, तो पाकिस्तान में हॉकी को काफी बढ़ावा मिलेगा और यह हमारी आर्थिक तंगी को दूर करने में भी मदद करेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच इससे पहले आखिरी बार 2006 में द्विपक्षीय टेस्ट श्रृंखला खेली गयी थी। दोनों पड़ोसियों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण वे सिर्फ ऐसे टूर्नामेंटों में खेलते है जहां दो से ज्यादा टीमें होती हैं। 
माना जाता है कि बाजवा का शीर्ष भारतीय खेल प्रशासक नरिंदर बत्रा के साथ अच्छा संबंध हैं, जो भारतीय ओलंपिक संघ और अंतरष्ट्रीय हाकी महासंघ (एफआईएच) के प्रमुख भी हैं। बत्रा हॉकी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। इस पूर्व ओलंपियन ने कहा कि वह द्विपक्षीय श्रृंखला होने की संभावना पर जल्द ही बत्रा के साथ बातचीत करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि हम पहले की तरह अपने घर और भारत में खेल सकते है तो यह काफी सही होगा, लेकिन हमें तटस्थ स्थान पर भी खेलने में कोई परेशानी नहीं होगी। पीएचएफ के 2008-13 के बीच महासचिव रहे बाजवा ने कहा कि उनका ध्यान देश में हाकी को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर है।

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