D.J.S News Dehradun : 19 अप्रैल को संकटमोचन का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य गौरव आर्य ने बताया कि इस बार गजकेसरी योग एवं चित्रा नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। यह दोनों योग सभी के लिए फलदायक हैं।
उन्होंने बताया कि इस दिन हनुमान के लिए लाल चोला व सिंदूर का दान करना बहुत ही लाभकारी होता है। इसके साथ ही राशि के अनुसार हनुमान जी को भोग लगाना लाभकारी होगा।
मेष राशि के लोगों के लिए बेसन के लड्डू का भोग लगाना लाभकारी होगा।
वृष राशि वालों के लिए तुलसी के बीज का भोग लगाना लाभकारी होगा।
मिथुन राशि वालों के लिए तुलसी दल का भोग लगाना फलदायी होगा।
कर्क राशि वालों के लिए हनुमान जी के मंदिर में बाजा लगाना फलदायी होगा।
सिंह राशि वालों के लिए हनुमान जी को जलेबी का भोग लगाना शुभकारी होगा।
कन्या राशि वालों के लिए बाबा की प्रतिमा पर चांदी का वर्क लगाने से विशेष लाभ मिलेगा।
तुला राशि के लोगों को हनुमान जी को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगान फलदायी होगा।
वृश्चिक राशि वालों के लिए तुलसी दल का भोग लगाना शुभ फल देगा।
धनु राशि वालों के लिए नारंगी रंग के लड्डू के साथ तुलसी दल का भोग लगाना लाभकारी होगा।
मकर राशि वालों के लिए हनुमान जी को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाना शुभकारी होगा।
कुंभ राशि वालों के लिए हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर का लेप लगाना शुभ फल देगा।
मीन राशि वालों के लिए हनुमान जी को लौंग चढ़ाना शुभ एवं लाभकारी होगा।
इस वर्ष पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ने से जन्मोत्सव को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है, लेकिन ज्योतिषियों का कहना है कि बल, बुद्धि और शौर्य के प्रतीक श्री हनुमान का जन्म दिवस 19 अप्रैल को मनाया जाएगा। पूर्णिमा का व्रत 18 अप्रैल और जन्मोत्सव कार्यक्रम 19 अप्रैल को मनाया जाना शास्त्र सम्मत है। वहीं, इस बार शुभ चित्रा नक्षत्र और त्रिपुष्कर योग में हनुमानजी का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा।
संकटमोचन, अंजनी सुत, पवनपुत्र हनुमान का जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमानजी का प्राकट्य हुआ था। इसलिए इसे हनुमानजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हनुमान जी भगवान शिव के 11 वें रुद्र अवतार माने जाते हैं।
18 अप्रैल को सायं 7 बजकर 26 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू हो रही है। इसके बाद पूर्णिमा 19 अप्रैल को 4 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 18 अप्रैल को पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा। 19 अप्रैल को सूर्योदय कालीन मान्यतानुसार 19 अप्रैल को सूर्योदय से दोपहर तक हनुमान जन्मोत्सव कार्यक्रम मनाया जाना शास्त्र सम्मत है।
उत्तराखंड विद्वत सभा के पूर्व अध्यक्ष पं. उदय शंकर भट्ट ने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव पर चित्रा नक्षत्र और त्रिपुष्कर योग का संयोग वर्षों बाद बन रहा है। भगवान श्रीराम के भक्त हनुमानजी चिरंजीवी हैं। वे सतयुग, रामायण काल और महाभारत काल में भी थे।
तुलसी दास जी ने कलियुग में हनुमानजी की मौजूदगी का उल्लेख किया और बताया कि हनुमानजी की कृपा से ही उन्हें राम-लक्ष्मण के दर्शन प्राप्त हुए। हनुमानजी को कलियुग में धर्म की रक्षा के लिए अमरता का वरदान मिला था।