चारधाम के होंगे ऑनलाइन दर्शन, लाइव ऑडियो से होगी पूजा-अर्चना

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देवभूमि जनसंवाद देहरादून : उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। श्रद्धालुओं को गर्भगृह को छोड़ कर मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन कराए जाएंगे। लाइव ऑडियो के माध्यम से पूजा अर्चना की सुविधा मिलेगी। बोर्ड का दायरा बढ़ाते हुए राज्य के कई और मंदिरों को बोर्ड में शामिल किया जाएगा।  मुख्यमंत्री आवास में हुई बोर्ड की पहली बैठक में बोर्ड के बजट को मंजूर किया गया। सरकार की ओर से कॉरप्स फंड के तौर पर दस करोड़ रुपये दिए गए। बद्री-केदार मंदिर समिति का शेष पैसा भी बोर्ड में ट्रांसफर होगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से पांच लाख रुपये की मदद दी।

बैठक में तय हुआ कि जो लोग लॉकडाउन के कारण दर्शन को नहीं आ पा रहे हैं और मंदिरों के दर्शन करना चाहते हैं। तो उन्हें ऑनलाइन दर्शन कराए जाएंगे। गर्भ गृह को छोड़ कर बाकि मंदिर परिसर, आस पास के इलाकों के दर्शन कराए जाएंगे। एक एप तैयार होगा, जिसमें श्रद्धालु को एक तय समय दिया जाएगा। जिसमें वो लाइव ऑडियो के माध्यम से अपनी ओर से कराए जाने वाली पूजा को सुन सकेंगे। पूरी प्रक्रिया में धार्मिक मान्यताओं का पूरा ख्याल रखा जाएगा।

सीएम त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि राज्य के कई और मंदिरों ने भी बोर्ड के साथ जुड़ने की इच्छा जताई है। बोर्ड में सभी स्थानीय तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। बोर्ड का अलग लोगो बनेगा। मंदिरों की संपत्ति, निधि, सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में शामिल करने को मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकार दिया गया। इसकी कार्रवाई सबंधित जिलाधिकारियों के स्तर से होगी। बैठक में कर्मचारियों के एक दिन के वेतन के रूप में पांच लाख रुपये सहायता का चेक सीएम को दिया गया। बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विधायक बदरीनाथ महेन्द्र भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, सचिव वित्त सौजन्या, मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड रविनाथ रमन उपस्थित रहे।

26 अप्रैल को खुले थे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट रविवार को अक्षय तृतिया के मौके पर वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। गंगोत्री धाम के कपाट 12:35 व यमुनोत्री के कपाट ठीक दोपहर 12:41 पर खोले गए। दोनो धामों के कपाट खुलने के बाद आगामी छह माह तक श्रद्धालु धामों में मां गंगा व यमुना के दर्शनों के भागी बन सकेंगे। हालांकि लॉकडाउन के कारण कपाट खोलते वक्त श्रद्धालु नहीं पहुंच सके।

29 अप्रैल को खुले थे केदारनाथ धाम के कपाट 
विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद बीते 29 अप्रैल को खोल दिए गए थे। कपाट खुलने के दौरान वहां पर तीर्थयात्री और स्थानीय लोगों की कमी साफ देखी गई थी। कोराना संकट के चलते यह पहला मौका था जब कपाट खुलने पर बाबा के दरबार में भक्तों का टोटा नहीं था।

15 मई को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए बदरीनाथ धाम के कपाटबदरीनाथ धाम के कपाट आज (शुक्रवार) तड़के सुबह 4:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ खोले गए। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया है। कपाट खोलने के दौरान वहां पर सोशल डिसटेंसिंग का पालन करते हुए मुख्य पुजारी रावल के साथ 27 लोग ही मौजूद थे। ऐसा पहली बार होगा जब बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय सीमित संख्या में ही लोग मौजूद रहे। पुजारी रावल के अलावा धर्माधिकारी, अपर धर्माधिकारी, सीमित संख्या में ही हक हकूकधारी और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

बदरीनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार को तड़के सुबह 4:30 बजे धनिष्ठा नक्षत्र पर खोले गए। सबसे पहले बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार के द्वार वेद मंत्रों की ध्वनि के साथ खोले गए।

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