प्रांतीय महामंत्री श्री जितेंद्र सिंह बुटोइया
देवभूमि जनसंवाद न्यूज़ देहरादून : अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रांतीय अध्यक्ष संजय भाटिया एवं प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने माननीय प्रधानमंत्री माननीय मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन को पत्र प्रेषित कर सीधी भर्ती आरक्षण रोस्टर को 31 अगस्त 2001 के अनुसार पुनः लागू करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान रोस्टर में बिंदु संख्या 10 में उल्लेखित किया गया है कि यदि 50% से अधिक रिक्तियां हो जाएंगी तो उनको नहीं भरा जाएगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि विगत 70 वर्षों में कभी भी किसी भी सरकार द्वारा पदों को नहीं भरा गया और अब भी इसी तरह कोई न कोई नया तरीका ढूंढ कर बेरोजगारों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है । इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास जीतने की नहीं बल्कि समाज को दो वर्गों में बांटने की चाल भर है। इसलिए एसोसिएशन की ओर से प्रांतीय महामंत्री जितेंद्र सिंह बुटोइया ने जानकारी दी है कि प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति के सभी जनप्रतिनिधियों को जिसमें सांसद, पूर्व सांसद ,विधायक पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रमुख और पूर्व ब्लाक प्रमुख सहित सभी अनुसूचित जाति जनजाति के जनप्रतिनिधियों को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया गया है कि वह नवीन सीधी भर्ती आरक्षण रोस्टर का अवलोकन करें अध्ययन करें और उसकी कमियों की ओर ध्यान दें ताकि आगे आने वाले बेरोजगारों को उनका अधिकार प्राप्त हो सके और समाज में वंचित वर्ग को समानता प्रदान करने के लिए जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी समाज के काम आ सके । इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि कोरोना महामारी के चलते नैनीताल जनपद के ओखल कांडा ब्लॉक में राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भूमिका में अनुसूचित जाति की भोजन माता द्वारा बनाया गया भोजन वहां के दो कोरनटाइन किए गए ब्राह्मणों के द्वारा नहीं किया गया जिससे महामारी की धारा 188 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 के अधीन कार्रवाई की जानी चाहिए। और दोषियों को सजा अवश्य मिलनी चाहिए, जिससे कि आगे आने वाले भविष्य में कोई इस प्रकार का व्यवहार न करें और समाज में जातिवाद का जहर ना फैलाए।