फर्जी छात्र दर्शाकर छात्रवृत्ति की रकम हड़पने का आरोप लगा शैक्षणिक संस्थानों पर

देवभूमि जनसंवाद न्यूज़ देहरादून : छात्रवृत्ति घोटाले में सात कॉलेजों के संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। एसआईटी ने जांच कर डालनवाला कोतवाली और वसंत विहार थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

एसपी एसआईटी टी मंजूनाथ ने बताया कि डालनवाला कोतवाली में छह कॉलेजों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसमें वर्ष 2013-14 में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने शाकुंभरी पैरामेडिकल कॉलेज रिसर्च सेंटर बादशाहीबाग सहारनपुर को 44 लाख 25 हजार 60 रुपये की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई थी। जांच में 21 छात्रों के बयान लिए गए, जिसमें 19 छात्रों ने कॉलेज में प्रवेश लेने से इनकार कर दिया। दो छात्रों ने कॉलेज में प्रवेश लेना स्वीकारा, लेकिन पढ़ाई न करना बताया। जांच में सामने आया कि संस्थान में अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रों का फर्जी प्रवेश दर्शाकर समाज कल्याण विभाग देहरादून से प्राप्त छात्रवृति का गबन किया गया है। वहीं, मिलेनियम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की देहरादून नेशनल हाईवे 72 बिहारीगढ़ सहारनपुर को वर्ष 2012-13 से 2014-15 के बीच में एक करोड़ 69 लाख 54 हजार 325 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। जांच में पाया गया कि छात्रों के बैंक खातों में एक ही मोबाइल नंबर प्रयोग किया गया। आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने फर्जी छात्रों को दर्शाकर सरकारी धन हड़प लिया। इस मामले में डालनवाला कोतवाली में कॉलेज संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इधर, कृष्णा प्राइवे आईटीआई कमालपुर छुटमलपुर सहारनपुर उप्र को वर्ष 2013 में एक करोड़ 23 लाख 94 हजार 800 रुपये और कमलेश पैरामेडिकल प्राइवेट आईटीआई कमालपुर छुटमलपुर ब्लाक मुजफ्फराबाद तहसील बेहट सहारनपुर में वर्ष 2013 में 91 लाख 68 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। जांच में पाया कि फर्जी छात्रों का प्रवेश दर्शाने के साथ ही छात्रों के बैंक खातों में प्रयुक्त मोबाइल नंबर का प्रयोग अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रो के बैंक खातों में पाया गया है। जांच में पाया कि संस्थान से कुछ लोग छात्रों के घर आये और कुछ धनराशि देकर कहा कि यह तुम्हारी छात्रवृति है। छात्रों द्वारा संस्थान में प्रवेश लेकर परीक्षा देना बताया, लेकिन प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। उधर, वर्ष 2014-14 में यूपी कॉलेज ऑफ पालीटेक्निक कमालपुर सहारनपुर उप्र को 68 लाख 55 हजार 530 रुपये की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई। एसआईटी ने जांच में पाया कि सभी छात्रों ने उक्त संस्थान में प्रवेश लेने से इनकार कर दिया। छात्रों के दर्शाये गये मूल पतों पर जाने पर खुलासा हुआ कि तहसील विकासनगर क्षेत्र के 12 ग्राम पंचायतों के फर्जी छात्र दर्शाए गए। एसआईटी प्रभारी ने बताया कि श्रीराम इंस्टीट्यूट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एनएच 58 दिल्ली रुड़की बाईपास रोड सरधना क्रॉसिंग जटोली मेरठ को एक करोड़ 45 लाख 80 हजार 700 रुपये बतौर छात्रवृत्ति दी गई। आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने फर्जी छात्रों को दर्शाकर सरकारी धन को गबन कर लिया। इस कॉलेज में दर्शाए गए कुछ छात्रों ने बताया कि संस्थान के लोगों द्वारा उनका प्रवेश कराया गया था। छात्रों को उनके नाम पर वितरित छात्रवृत्ति के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं थी। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि एसआईटी ने वसंत विहार थाने में लैंडमार्क इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी वसंत विहार के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया कि कॉलेज प्रबंधक या संचालक पर फर्जी छात्र दर्शाकर छात्रवृत्ति हड़पने का आरोप है।

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