बाबू जगजीवन राम को किया उनकी जयंती पर याद

देवभूमि जनसंवाद न्यूज़ देहरादून : भारतीय दलित साहित्य अकादमी उत्तराखंड प्रदेश ने कोरोना महामारी के चलते आज बाबू जगजीवन राम की जयंती पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया लेकिन उन्हें अपने संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से याद किया ।उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति में भारत में उप प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने वाले एकमात्र प्रतिनिधि थे। उन्होंने स्वतंत्रता के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। भारतीय संविधान सभा के भी वह सदस्य रहे। रेलवे मंत्रालय जब उनके पास था तो उनके कार्यों की चर्चा पूरे भारतवर्ष में होती थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी के द्वारा भी उनके कार्य की प्रशंसा की गई। किंतु वह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में सफल नहीं हो सके। उन्होंने सन 1987 में भारतीय दलित साहित्य अकादमी का गठन किया जो आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही है।
कहा भी जाता है कि जो समाज अपना इतिहास नहीं जानता वह इतिहास नहीं बना पाता । अकादमी के माध्यम से आज भारत में ही नहीं पूरे विश्व में दलितों के इतिहास को अपने पूर्वजों के इतिहास को लोग जानने लगे हैं ।आज देश में अनुसूचित जाति के एक बड़े नेता की कमी खल रही है ।भारतवर्ष में जो आरक्षण के ऊपर व प्रमोशन में आरक्षण के ऊपर आरक्षित वर्ग का बड़ा आंदोलन हो सकता है, उसमें कहीं न कहीं बाबू जगजीवन राम की कमी दिखाई दे रही है या यूं कहें की एक दलित नेता की आवश्यकता महसूस की जा रही है। भारतीय दलित साहित्य अकादमी उत्तराखंड प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर जयपाल सिंह जी ने उनकी जयंती पर आज उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया ।उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और सभी से समाज में समानता लाने के लिए बाबू जगजीवन राम के इस वर्ग के संघर्ष को याद करते हुए उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सोशल मीडिया पर ही अकादमी से जुड़े सभी पदाधिकारियों सदस्यों ने उनको अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *