देहरादून : हर्षल फाउंडेशन द्वारा गरीब मजदूरों एवम उनके परिवारों को मास्क दिए गए और उसके फायदे भी बताए गए। एवं छबील बाग, कांवली रोड पर रहने वाली सलोनी जो कि एक दिव्यांग है, व्हीलचेयर दी गई। जिससे सलोनी आत्मनिर्भर होकर अच्छी जिंदगी बिता पाएगी।
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस जिसको मई दिवस के नाम से जाना जाता है देश मैं चल रहे लॉक डाउन की वजह से आज मजदूर भुखमरी के कगार पर हैं जहां-तहां अटके हुए हैं उनको उनके घर पहुंचाने की कोई सुविधा नहीं है और आज इस कम्प्यूटर युग में मजदूर को मजदूरी के लाले पडे है। ऐसे में 1 मई को मजदूर दिवस मनाये तो कौन मनाये। कल तक बडी बडी मिले थी, कल कारखाने थे, कल कारखानो एंव औधोगिक इकाईयो में मशीनो का शोर मचा रहता था मजदूर इन मशीनो के शोर में मस्त मौला होकर कभी गीत… लॉक डाउन करने के बाद इन मजदूरों की चिंता करना होगा सरकार को ठोस कदम उठाने पड़ेंगे।