
देवभूमि जनसंवाद न्यूज़ : लाकडाउन के दौरान गरीबी और बेबसी का हवाला देकर जो लोग मुफ्त राशन की लाइन में लगा करते थे, उनमें से कुछ लोग सोमवार को शराब खरीदने के लिए कतार में नजर आ गए। थाने और चौकियों के जरिए इनमें से कुछ लोगों के घर नियमित रूप से मुफ्त राशन भेजा जा रहा है। पुलिस ने उनमें से कई को पहचान लिया।
सुबह करीब दस बजे निरंजनपुर स्थित शराब ठेके पर दरोगा नवीन जोशी ने एक ऐसे व्यक्ति को लाइन में लगा देखा, जिसकी गरीबी पर तरस खाकर पुलिस उसके घर मुफ्त राशन भिजवा रही थी। उन्होंने तत्काल उसे रोका और पूछा कि शराब के लिए रुपये कहां से आए? उसने बहाना बनाते हुए जवाब दिया कि किसी दूसरे ने 500 रुपये देकर उसे लाइन में खड़ा किया है।
हालांकि वह उस आदमी का ब्योरा नहीं बता पाया। दरोगा ने उसे लाइन से बाहर कर राशन की दुकान में भेजा और 500 रुपये का राशन खरीदवाकर घर भेज दिया। आराघर शराब के ठेके पर ऐसे ही कुछ लोग शराब की लाइन में नजर आए। घंटाघर पर धारा चौकी प्रभारी शिशुपाल राणा ने फ्री का राशन लेने वाले कई लोगों को शराब की लाइन से हटाकर राशन खरीदने भेजा।
चोरी-छिपे शराब लेने पहुंचे, मिली मायूसी: मुनिकीरेती स्थित खारास्रोत ठेके पर सुबह सात बजे से ही शराब खरीदने वालों की भीड़ जुटने लगी। यह इलाका टिहरी जिले का हिस्सा है। ऋषिकेश वालों को पहले तो वहां जाने से पुलिस ने कैलास गेट के पास टिहरी की सीमा के बैरियर पर रोक लिया। जो किसी तरह चोरी छिपे शराब लेने वहां पहुंचे भी, उन्हें पहचान पत्र न होने पर मायूस लौटना पड़ा। रायवाला और रानीपोखरी स्थित शराब की दुकानें नहीं खुलने से लोग परेशान दिखे। आबकारी निरीक्षक भरत सिंह का कहना है कि शासन से रानीपोखरी एवं रायवाला में शराब की दुकान खोलने का आदेश नहीं मिला है।
आधारकार्ड दिखाने पर ही मिली शराब
मुनिकीरेती के खारास्रोत में शराब खरीदने वालों की भीड़ छांटने के लिए अलग आधार का सहारा लिया गया। लोगों से आधार कार्ड जमा करवाए गए और एक एक करके जिसकी बारी आई उसका नाम पुकारा गया। इससे न केवल बिना आधार वालों की भीड़ छंट गई, बल्कि पड़ोसी ऋषिकेश वालों को शराब नहीं मिली। आधार में टिहरी जिले का पता देखकर शराब खरीदने का मौका दिया जा रहा था। ऋषिकेश में शराब प्रतिबंधित है।