D.J.S News Dehradun :ऋषिकेश एम्स बचाओ सर्वदलीय संघर्ष समिति ने एम्स में तमाम पदों पर हुई नियुक्तियों और निर्माण कार्यों में धांधली का आरोप लगाया है। सर्वसम्मति से धांधलियों की जांच सीबीआई से कराने और निष्कासित आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली का शासनादेश जारी नहीं होने तक एम्स प्रशासन के खिलाफ आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया।
नगर निगम के स्वर्णजयंती सभागार में रविवार को एम्स बचाओ संघर्ष समिति की संयोजक और मेयर अनीता ममगाईं की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें एम्स प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की गई। इस दौरान समिति सदस्यों से सुझाव भी मांगे गए। पूर्व दर्जाधारी मंत्री संदीप गुप्ता ने कहा कि निष्कासित आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के आंदोलन में मेयर के कूदने से एम्स प्रशासन को झुकना पड़ा और आखिरकार निष्कासित कर्मियों की बहाली के लिए मजबूर होना पड़ा। नगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष जयदत्त शर्मा ने कहा कि एम्स में हुई धांधली को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचाया जाएगा। महामंत्री ललित मोहन मिश्रा ने उत्तराखंड के युवाओं को एम्स में 70 प्रतिशत रोजगार के लिए केंद्र सरकार से शासनादेश जारी करने की मांग की।
मेयर अनीता ममगाईं ने एम्स प्रशासन के खिलाफ एकजुट हुए व्यापारी, सामाजिक और राजनैतिक संगठनों से जुड़े लोगों का आभार जताया। बताया कि 23 मई को चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही आंदोलन को तेज किया जाएगा। पार्षद राकेश मिया और कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला ने भी अपने विचार रखे। मौके पर कांग्रेस नगराध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, ज्योति सजवाण, विमला रावत, अंशुल अरोड़ा, बृजपाल राणा, पार्षद राजेंद्र बिष्ट, जगत नेगी, गुरविंदर सिंह, भगवान सिंह पंवार, जयेश राणा, विकास तेवतिया, लक्ष्मी रावत, सरोजनी थपलियाल, मधु जोशी, हर्षित गुप्ता, संजय वर्मा आदि मौजूद थे।