अवमुक्त धनराशि को समय से व्यय करेंः डीएम मंगेश

रुद्रप्रयाग। योजनाओं में अवमुक्त धनराशि को वित्तीय वर्ष के अंतिम माह तक व्यय करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के साथ पुराने निमार्णाधीन कार्यो को गुणवत्ता, पारदर्शिता के साथ समय सीमा के अन्तर्गत पूरा करना सुनिश्चित करें, जिससे धनराशि का समय से सदुपयोग हो।यह बात जिला सभागार में जिला योजना, राज्य योजना, केन्द्र पोषित तथा बाह्य सहायतित योजनाओं की वित्तीय व भौतिक प्रगति की समीक्षा बैठक लेते हुए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कही। उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग धनराशि को मार्च तक अवशेष न रखें और फरवरी तक वर्क प्लान बनाकर व्यय करें। कई विभागों द्वारा कार्यदायी संस्था को धनराशि उपलब्ध कराने के बाद कार्यो का स्थलीय निरीक्षण न करने पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को समय समय पर निरीक्षण कर भौतिक प्रगति की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कई विभागों द्वारा अंतिम किस्त के लिए पत्रावली प्रस्तुत न करने तथा कतिपय टास्क फोर्स अधिकारियों की भौतिक प्रगति शून्य होने पर खासी नाराजगी व्यक्त की और प्रत्येक माह का वर्क प्लान बनाकर योजनाओं का सत्योण कर रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए सभी विभागों को आगामी बैठक में व्यय प्रतिशत में आशातीत प्रगति लाने और अपने ढ़ीलेपन से उभरने के सख्त निर्देश दिये। ज्ञातव्य है कि जनपद की 35 करोड़ 19 लाख की जिला योजना में अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष सात लाख 43 हजार की धनराशि व्यय की गई है। कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान बीस सूत्रीय टास्ट फोर्स की रिपोर्ट समय से प्राप्त नहीं होने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण के दौरान निर्माण कार्यो का निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये। अर्थ संख्याधिकारी शशिकांत गिरी ने बताया कि बीस सूत्रीय के 22 मदों में ’ए’ श्रेणी तथा सामुदायिक निवेश फंड (एनआरएलएम) व पीएमजीएसवाई मद में ’डी’ श्रेणी जनपद को मिली है, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को ऐन-केन-प्रकारेण ‘‘ए‘‘ श्रेणी प्राप्त करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जिन विभागों द्वारा धनावंटन की स्वीकृति की पत्रावली अभी तक नहीं भेजी है उन्हें यथाशीघ्र पत्रावली प्रस्तुत करने और पूर्ण कार्यो के फोटोग्राफ सहित उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सरदार सिंह चैहान, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एस के झा, मुख्य पशु चिकित्सा अकारी डाॅ रमेश सिंह नितवाल, पीई मोहन सिहं नेगी, एपीडी रमेश कुमार सहित सभी अधिकारी मौजूद थे।

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