देहरादून। कोविड -19 महामारी में तीन महीने के लंबे लॉकडाउन के दौरान दूध की आपूर्ति के लिए उत्तराखंड के प्रमुख ब्रांड “आंचल डेयरी” ने 50,000 से अधिक ग्रामीणों को स्थायी आजीविका प्रदान करने हेतु इन ग्रामीणों को 45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। उत्तराखंड दुग्ध विकास विभाग द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष के मई महीने के अन्त तक प्रदेश के 13 जिलों की 2551 ग्राम स्तरीय सहकारी समितियाँ से दो लाख लीटर दूध प्रतिदिन से खरीदा गया। प्रदेश मे विभिन्न दुग्ध सहकारी समितियों के 51,121 सदस्य है जो की ग्रामीण क्षेत्रो के किसान है और सीधे दूध आंचल डेयरी को देते है और आंचल डेयरी इनको प्रतिमाह इनको सीधे भुगतान करती है।सचिव, उत्तराखंड दुग्ध विकास विभाग डॉ आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया लॉक डाउन के दौरान हमारा लक्ष्य था की किसानो द्वारा लाया गया दूध की बिक्री निरन्तर होती रहे और उनकी जीविका प्रभावित न हो। जिसके लिए हमने लॉक डाउन के दौरान भी उनके दूध की बिक्री करवाई और पैसा सीधे उनके बैंक खातों में भिजवाया गया, जो कि उनकी इस कठिन समय में एक कमाई का जरिया रहा। इस दौरान उन्होंने जितने भी दूध बिक्री की वो सब आंचल डेयरी द्वारा पैकेजिंग कर पूरे प्रदेश बेचा गया। उन्होंने बताया कि हमारे में प्रदेश में दूध और डेयरी उत्पाद का अच्छा बाजार उपलप्ध है। जो लोग अपना नया स्टार्टअप इस क्षेत्र में करना चाहते है, उनके लिए हमारे विभाग की तरफ से कई योजनाओं को भी शुरू किया जा रहा है। लॉक डाउन दौरान जब सारे व्यापार और जीविका के साधन बन्द हो गए थे तब दुग्ध व्यवसायियों के पास यही कमाई का एक जरिया रह गया था। भविष्य इस क्षेत्र में बहुत अधिक सम्भावनाये है अतः इस क्षेत्र को भी लोग अपनी जीविका का साधन बना सकते है। आज प्रदेश में दुग्ध सहकारी समितियों के 51,121 सदस्य है, जिनकी अगले वर्ष तक संख्या काफी बढ़ जाएगी। प्रदेश के तेरह जिलों में नैनीताल जिले सबसे अधिक 550 दुग्ध सहकारी समिति है जिसके 21320 सदस्य हैं जिन्होंने लॉक डाउन के दौरान प्रतिदिन 86805 लीटर दूध की बिक्री की वही देहरादून की 295 समिति के 2538 सदस्यों ने 17332 लीटर दूध प्रतिदिन और हरिद्वार की 252 समिति के 2755 सदस्यों ने 13191 लीटर दूध की प्रतिदिन बिक्री करी। संयुक्त निदेशक आँचल डेयरी जयदीप अरोरा ने बताया कि आँचल डेयरी द्वारा लॉक डाउन पीरियड में सभी दुग्ध उत्पादकों से दूध खरीदते रहे और उनको समय समय पर भुगतान भी करते रहे। इस दौरन बचे हुए दूध का हमने पाउडर तथा वाइट बटर बनाया है। अभी हमारे पास सैकड़ो टन वाइट बटर और 200 टन मिल्क पाउडर है। जिसको की आने वाले समय पर ग्राहकों को बेचेंगे और मिल्क पाउडर को पुरे प्रदेश में मिड डे मील योजना के तहत आंगनवाडियो तक पहुचायेंगे।
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