धारा चौकी प्रभारी ने बताया कि कार ले जाने वालों ने उसे फोन पर दी थी जानकारी
अधिकारियों के पास गुहार लगाने के बाद भी अभी तक नहीं मिला इंसाफ?
आईएसबीटी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में दी फ्लैट की चॉबी
देहरादून। घटनास्थल शहर का सबसे व्यस्तम स्थान एस्लेहाल शहर कोतवाली की धारा चौकी में आने वाला स्थान घटना की तारिख १८-९-२०२० की रात्रि करीब दस बजे सूचना देने के बाद भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचे धारा चौकी अंतर्गत आने वाले ऐस्लेहाल में स्थित एक रैस्टोरेंट में अपने साथी के साथ कार में खाना खाने गए एक व्यक्ति की कार को रैसटोरेंट के बाहर से चोरों ने साफ कर दी और वो भी धारा चौकी प्रभारी को फोन कर की वह कार को लेकर जा रहा है। वही अपने आपकों तेज तर्रार कहने वाले धारा चौकी प्रभारी ने भी कार को चोरी कर ले जताने वाले कार चोर को कार ले जाने की अनुमति दे दी। यह सब वारदात रैस्टोरेंट के बाहर लगे सीसीटीवी फूटेज में कैद हो गई और वहां पर मौजूद सुरक्षागार्ड ने भी उसे अपनी आंखों से देखा। इतना ही नहीं कार को उड़ाकर ले जाने वाले कार चोर ने रैस्टोरेंट के बाहर पहरा दे रहे सुरक्षागर्ड से कहा कि वह अपनी कार लेकर जा रहा है। जब रैस्टोरेंट में खाना खाने आए वयक्ति को अपनी कार चोरी हो जाने कह जानकारी मिली तो उसने कंट्रोल रूम से लेकर धारा चौकी प्रभारी को कार चोरी हो जाने की जानकारी दी तो चौकी प्रभारी ने कहा कि यह सब उसके संज्ञान में है। बस इतना सुनते ही त्रिलोक तथा उसके साथी के पैरों तले जमीन खिसक गई।
त्रिलोक सिंह का कहना है कि एस्लेहाल से उसकी कार को चोरो ने उडा ली जब उसने पुलिस को सूचना दी तो पुलिस का जवाब सुनकर वह दंग रह गया। पुलिस का कहना था कि उनका पता है कि तुम्हारी कार चोरी हो गयी है और जो लेकर गया है उसके बारे में भी वह जानते हैं। यही नहीं पुलिस ने ही कार में मौजूद फलैट की चाबी भी मुहैया करायी। अब यह चोरों का हौंसला माने या फिर पुलिस की धींगामुश्ती कहें? माजरा निवासी त्रिलोक सिंह ने पुलिस महानिदेशक, एसएसपी देहरादून व एसपी सिटी को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि १८ सितम्बर की सांय वह अपने मित्र परमजीत सिंह के साथ एस्लेहॉल स्थित होटल प्रेसिटडेन्ट में रात्रि भोजन करने के लिए गया था। उसने अपनी कार संख्या यूके ०७ बी जी ०१७७ एस्लेहाल पार्किेग में खडी कर दी थी। जब वह खाना खाकर वापस आया तो उसने देखा कि उसकी कार अपनी जगह पर मौजूद नहीं थी। उसने जब पार्किग में मौजूद गार्ड सतीश मल्होत्रा से गाडी के बारे में पूछा तो उसके द्वारा बताया गया कि एक व्यक्ति कुछ देर पहले उस गाडी को तेजी से भगा कर ले गया था। जिसके बाद त्रिलोक सिह ने अपने मित्र के मोबाइल नम्बर से पुलिस कंट्रोल रूम नम्बर १०० पर इसकी सूचना दी। उसने पुलिस को बताया कि गाडी में उसके ८० हजार रूपये, उसके दोस्त के फलैट की चाबी व जरूरी कागजात रखे हुए हैं। १०० नम्बर पर पांच बार सूचना देने के बाद भी पुलिस मौेके पर नहीं पहुंची। त्रिलोक ने बताया कि जिसके बाद वह अपने मित्र के साथ धारा चौकी पहुंचा तथा वहां पर डयूटी पर मौजूद पुलिस कर्मचारी अनुज कुमार को उसने अपनी कार चोरी होने की सूचना दी और उसके बाद अनुज कुमार के द्वारा फोन पर उसकी बात धारा चौकी प्रभारी शिशु पाल राणा से बात करायी। शिशुपाल राणा के द्वारा उसको बताया गया कि उसकी गाडी के बारे में किसी तलविन्दर सिंह उर्फ तन्नू का फोन आया था उसकी कार को तलविन्दर सिंह ही उठाकर ले गया है। तलविन्दर ने पुलिस को बताया कि वह गाडी उसके नाम है तथा वह उसको ले जा रहा है। पुलिस का जवाब सुनकर त्रिलोक के होश उड गये कि कार ले जाने वाला पहले पुलिस को सूचना देता है और पुलिस कोई ठोस जानकारी लिए बिना ही उसको कार ले जाने की अनुमति दे देती है वाह रे दून पुलिस? धारा चौकी प्रभारी ने यह भी बताया कि तुम्हारी कार से सम्बन्धित कोई भी जानकारी तुमको आईएसबीटी चौकी में मिल जायेगी उसका मामला वहां पर चल रहा है। यहां ये चौंकाने वाली बात है कि दो-दो थानों की पुलिस को पता था कि फलाँ कार उठाई जाने वाली है इसके बावजूद भी पुलिस के द्वारा कार के मालिक को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं देती है और कार उठा ली जाती है। अपराध से पहले पुलिस को पता था कि अपराध होगा और वह कुछ नहीं करते और अपराध होने के बाद भी जब पीडित पुलिस के पास पहुंचता है तो उसके बाद भी पुलिस किसी प्रकार की कोई ठोस कार्यवाही करने से बचती है। वहीं उपर से पुलिस के अधिकारी दावा करते हैं कि अगर किसी के पास एक लाख से ज्यादा की रकम है और उसको लेकर कहीं जाना है तो वह पुलिस को सूचित कर सकते हैं?
त्रिलोक ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि तलविन्दर उर्फ तन्नू उसकी सौतेली बहन शीतल का बेटा है तथा उसका अपनी बहन से सम्पत्ति को लेकर अलग-अलग न्यायालयों में विवाद चल रहा है। उसने यह भी बताया कि इसी सम्पत्ति को लेकर पूर्व में भी शीतल, तलविन्दर शीतल के पति यूसूफ अन्सारी ने धोखाधडी से उसकी सम्पत्ति को हडपने का प्रयास किया था उसकी हत्या करने के लिए भी षडयन्त्र रच रहे हैं। त्रिलोक ने अधिकारियों को बताया कि उसने कार संख्या यूके ०७ बी जी ०१७७ तलविन्दर से २० नवम्बर २०१९ को विक्रय अनुबन्ध किया था जिसमें तलविन्दर ने ढाई लाख रूपये उससे लिये था बाकि के ढाई लाख रूपये भूमि बिकने के बाद अदा करना तय हुआ था। इसके बावजूद उसको बताये बिना ही उसकी कार को चोरी कर ले जाना अत्यन्त गम्भीर मामला है। जबकि कार में उसके केस से सम्बन्धि कागजात, फलैट की चाबी व अस्सी हजार रूपये नगद रखे हुए थे जोकि चोरी कर लिये गये है। उसने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस के कुछ कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध दिखायी दे रही है कि उसके कहने के बावजूद उक्त लोगों ने कोई ठोस कदम उठाने के बजाय उससे यह कह दिया कि उनके संज्ञान में है कि तुम्हारी कार पार्किग से कौन लेकर गया है। त्रिलोक ने अधिकारियों से गुहार लगायी है कि इन जैसे लोगों से उसको अपनी जान का खतरा बना हुआ है तथा मामले की निष्पक्ष जांच कराके उसकी कार व उसमेें रखे रूपये वापस दिलवाकर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये साथ ही ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाये जोकि चोरी की घटना को गम्भीरता से ना लेते हुए पीडित को ही समझाने में लगे हैं तथा चौकी के अन्दर ही चोरी गयी कार में रखी फलैट की चाबी दी जाती है जोकि अपने आप में काफी गम्भीर मामला है।
कार चोरी हो गई हमे मतलब नही: इंसपेक्टर कोतवाली पटेलनगर बिस्ट
देहरादून। विगत तीन दिन पूर्व नगर कोतवाली क्षेत्र के एस्लेहाल स्थित एक रैस्टोरेंट के बाहर से एक व्यक्ति की कार को चोरी कर लिए जाने तथा पूरा मामला सीसीटीवी कैमरों में कैद हो जाने के बाद पुलिस अब पूरी तरह गुण्डागर्दी पर उतर आई। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पटेलनगर प्रदीप बिष्टï से जब उनके सरकारी मोबाइल नंबर ९४११११२८२५ पर २१ सितंबर की सायं करीब ६.३९ पर त्रिलोक की कार चोरी हो जाने के संबंध में जानकारी की गई तो उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया बल्कि अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमने त्रिलोक को बुलाया था अब तलविन्दर ने कार उठा ली है उसके बाद हमारा कोई मतलब नहीं। कार चोरी के मामले को गंभीरता से नहीं लेते हुए इंस्पेक्टर का इस तरह से जवाब इस बात को दर्शाता है कि पुलिस की जानकारी में सबकुछ होने के बाद ही कार चोरी की गई।मित्र पुलिस ने निभाई कार चोरी करने वाले से मित्रता
देहरादून।वाह री दून पुलिस किस तरह से मित्रता निभाई जाती है इसका जीता जागता उदहराण १८सितंबर की रात्रि को देखने को मिला। मित्र पुलिस के जाबाब इंस्पेक्टर पटेलनगर प्रदीप सिंह बिष्टï तथा धारा चौकी प्रभारी शीशुपाल राणा के संज्ञान में सबकुछ होने के बाद जब तलविन्द सिंह नामक व्यक्ति द्वारा त्रिलोक सिंह की कार को एस्लेहाल के समीप स्थित एक रैस्टोरेंट से चोरी कर लिया गया। कार चोरी करने से पूर्व तलविन्दर सिंह ने पूरे मामले की जानकारी प्रदीप सिंह बिष्टï तथा धारा चौकी प्रभारी को फोन पर दे दी थी। कार चोरी करने से पूर्व पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद भी दून की मित्र पुलिस ने पूरी तरह से कार चोरी करने वाले से मित्रता निभाई तथा कार चोरी कर ली जाने दी।