हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आगामी नवंबर माह में परीक्षा निर्धारित है। विवि में परीक्षा की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को सफलता के विविध सूत्रों की जानकारी के साथ ध्यान की विशेष कक्षा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर देसंविवि के कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने वृक्षों से एकाकार होने का ध्यान कराया।इस अवसर पर युवा चेतना के उद्घोषक डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि ध्यान परीक्षाओं में भी सफलता दिलाने में सहायक है। ध्यान से मन में एकाग्रता बढ़ता है और पढ़े गये विषय में भी लंबे समय तक याद रहता है। उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति की जीवनशैली विकृत हो गई है। न तो वह समय पर सोता है और न ही समय पर जागता है। जिसका परिणाम होता है कि वह कई तरह से मानसिक विकारों का शिकार हो जाता है। वह अनिद्रा, तनाव जैसी अनेक समस्याओं से घिर जाता है। आज मनुष्य ने अपने जीवन का आधार साधन को मान लिया है, जिससे उसकी जीवनशैली बिगड़ गई है। इस अवसर पर युवा चेतना के उद्घोषक कुलाधिपति डॉ. पण्ड्या ने विद्यार्थियों को वृक्षों के समान नृत्य का ध्यान कराने के साथ उन्हें सकारात्मक विचारों के साथ सतत आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर युगगायकों ने ‘जुट जाये हम सब मिल करके…’ प्रज्ञागीत प्रस्तुत कर युवाओं को सामूहिकता के साथ रहने के लाभों का जिक्र किया। इस दौरान देसंविवि के कुलपति शरद पारधी, कुलसचिव बलदाऊ देवांगन, समस्त विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएं एवं शान्तिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्ता मौजूद रहे।