देहरादून। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, इस बीमारी से बचाव के उपायों के जरूरी है कि कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएं। अंतराष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर में कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा आयोजित कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में डॉ सुमिता प्रभाकर द्वारा सनराइज अकादमी देहरादून की छात्राओं, अभिवाविकाओं , शिक्षिकाओं एवं अन्य स्टाफ के लिए एक कैंसर जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमे अकादमी की छात्राओं को किशोर स्वास्थय, मासिक धर्म स्वच्छता, कैंसर रोकथाम के बारे में आवश्यक जानकारी दी गयी। इस दौरान एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गयी जिसमे स्वयं स्तन परिक्षण कैसे करना चाहिए यह बताया गया। प्रतिभागियों को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम की भी जानकारी दी गयी और यह भी बताया कि पैप स्मीयर कब करवाना चाहिए। सत्र के दौरान महिलाओं को एचपीवी टीकाकरण के बारे में जागरूक किया गया। कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन द्वारा स्वयं स्तन परिक्षण की जानकारी के पर्चे भी वितरित किये गए। स्वयं स्तन परीक्षण स्तन कैंसर रोकथाम के लिए एक सरल परिक्षण है जिसे हर महिला अपने घर में आराम से कर सकती है। डॉ सुमिता प्रभाकर ने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं में होने वाले कैंसर की रोकथाम के लिए यह अतिआवश्यक है की इस बीमारी के बारे में हर उम्र की महिला खुल कर बात करें यदि उसको कोई समस्या है तो इसके बारे में परिवार के सभी सदस्य बात करें। इस कैंसर जागरूकता कार्यक्रम स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ उनकी मां ने भी यह व्याख्यान सुना। अंत में छात्रों और उनकी माँ के प्रश्नो का उत्तर डॉ सुमिता प्रभाकर द्वारा दिया गया। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ सुमिता ने प्रतिभागियों को बताया भारत में कैंसर का बोझ पिछले कई वर्षों में दोगुना से अधिक हो गया है। भारत में हर साल पंजीकृत नए कैंसर रोगियों की संख्या 11 लाख से अधिक है, और कैंसर से संबंधित मौतें 7 लाख से अधिक हैं। आंकड़ों में कहा गया है कि भारत में इस साल कैंसर के 11 लाख मामले सामने आ रहे हैं और इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं में होने वो कैंसर के हैं। पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में कैंसर के मामलों की संख्या बढ़ रही है, राज्य में इन मामलों में 10.15ः की वृद्धि हुई है, जो कि 9.2ः के राष्ट्रीय आंकड़े से अधिक हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, 2014 में उत्तराखंड में कुल 11,240 कैंसर रोगी थे। 2015 में यह संख्या बढ़कर 11,796 हो गई और 2016 तक यह आंकड़ा 12,381 था। इसलिए सभी महिलाओं को लक्षणों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होना बहुत जरूरी है और बिना किसी हिचकिचाहट के नियमित रूप से निवारक चेकअप जैसे कि पेप स्मियर और मैमोग्राम के लिए जाना चाहिए। डॉ. सुमिता ने सभी छात्रों से अनुरोध किया कि वे अपनी मां को यह सिखाएं कि स्तन की जांच कैसे की जाए।कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन और सनराइज अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में हुए कार्यक्रम के उपरांत एक कैंसर रोकथाम शिविर का आयोजन किया गया जिसमे अकादमी की छात्राओं की माताओं, स्टाफ एवं शिक्षिकाओं की स्तन कैंसर बेसलाइन स्क्रीनिंग की गयी। इस जांच शिविर में 78 महिलाओं की जांच महिला रोग विशेषज्ञ द्वारा की गयी। महिलाओं को अपनी दिनचर्या में स्वस्थ जीवनशैली गतिविधियों को जोड़ने का सुझाव दिया गया। इस कार्यक्रम में सनराइज अकादमी की डायरेक्टर पूजा पोखरियाल, वंडर वीमेन क्लब से शक्ति मनोचा, डॉ रेखा, डॉ विनीता, नीतू पोखरियाल, अपेक्षा रावत, डॉ पूनम शर्मा उपस्थित रही।
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December 3, 2024
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