देहरादून। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा डेयरी उधमिता विकास योजना (डीईडीएस), डीआईडीएफ एवं कृषि क्लीनिक एवं कृषि व्यापार केंद्र (एसीएबीसी) की जानकारी हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय मेंकिया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए नाबार्ड के देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महाप्रबन्धक (सीजीएम ) सुनील चावला ने उत्तराखंड में किसानांे की स्थिति के बारें में चर्चा करते हुए कृषि क्षेत्र से उनके विमुख होने के विभिन्न कारणों को चिन्हित किया एवं इस विषय पर चिंता प्रक की। आपने इस दौरान किसानो को उनके ही स्थान पर पूरक रोजगार एवं आय में वृद्धि के साधन उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। इसके अलावा आपने किसानों की आय को दोगुनी करने हेतु भारत सरकार की विभिन्न योजनाओ के बारें में विस्तृत विवरण दिया। सभी प्रतिभागियो से अनुरोध किया कि वे इस दिशा में समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर उसकी उपलब्धि के लिए सघन प्रयास करें। आपने इस दौरान कृषि क्षेत्र में किसानो की आय को बढ़ाने के साथ साथ ग्रामीणंो के जीवन स्तर में सुधार के लिए डेयरी योजना को काफी उपयोगी एवं लाभकर बताया। आपने इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए कृषि क्षेत्र में तकनीकी जानकारी हेतु एसीएबीसी योजना को भी बहुत ही लाभकारी बताया एवं कृषि स्नातको को इस क्षेत्र में इस योजना का लाभ लेकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु अनुरोध किया। इसके साथ ही साथ मुख्य महाप्रबन्धक सुनील चावला नेउपस्थित बैंक प्रतिनिधिओ को संबोधित करते हुए बताया गया कि बैंको के द्वारा इस समय कृषि क्षेत्र में टर्म ऋण को बढ़ाने की नितांत आवशयकता है एवं डेयरी (डीईडीएस) एवं एसीएबीसी योजना केअंतर्गत बैंक के प्रतिनिधिओ से अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके पश्चात जयदीप अरोरा, संयुक्त निदेशक, डेयरी विकास के द्वारा उत्तराखंड में डेयरी विकास की स्थिति, संभावनाओ एवं चुनौतियों एवं उनके समाधान पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।