नैनी लेक ब्रिज के स्वचालित नये गेटों का होगा निर्माण

नैनीताल। जीवनदायिनी नैनी झील के पुनर्जीवीकरण की दिशा में जिलाधिकारी सविन बंसल ने विशेष पहल की है। जिसके सुखद परिणाम निकट भविष्य में परिलक्षित होंगे। झील के पुनर्जीवीकरण कार्य में जिला प्रशासन ने अभिनव डिजिटल पहल की कार्य योजना तैयार कर ली गई है। जिलाधिकारी बंसल ने जानकारी देते हुये बताया कि नैनी झील में स्कॉडा सिस्टम से लेक ब्रिज के अपस्ट्रीम में नये गेटों के निर्माण एवं पुराने गेटों के मरम्मत के लिए शासन द्वारा 78.05 लाख की स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होने बताया कि स्कॉडा प्रणाली वास्तविक समय में आंकड़ों एवं सूचनाओं के आधार पर पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण के लिए एक कम्प्यूटरीकृत एक स्वचालित प्रणाली है।उन्होंने बताया कि इस प्रणाली युक्त गेटों के स्थापित हो जाने से नैनी झील के गेटों का संचालन तकनीकी दक्षता के साथ किया जा सकेगा तथा झील के जलस्तर तथा डिस्चार्ज संबंधित आंकड़ों को भी प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान मे शासन स्तर से 78.05 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है निविदा प्रक्रिया गतिमान है। यह महत्वपूर्ण तकनीकी कार्य सिंचाई विभाग की यांत्रिकी शाखा रुड़की द्वारा कराया जा रहा है। झील के नये गेटों के निर्माण का कार्य झील का स्तर शून्य लेवल से नीचे आ जाने के उपरान्त कराया जायेगा। जिलाधिकारी बंसल के मुताबिक नैनी झील उत्तराखण्ड के जनपद नैनीताल मुख्यालय में स्थित है। नैनी झील पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। नैनी झील के पानी की निकासी हेतु ब्रिटिश शासन में तल्लीताल पोस्ट आफिस के पास स्थानीय नाम डांठ का निर्माण किया गया था। गेटों पर रेगुलेशन मानसून काल में झील का स्तर बढने पर पानी की निकासी के लिए स्थापित मैकेनिकल व्हील के माध्यम से कार्मिकों द्वारा गेटों को उठा कर अथवा गिराकर किया जाता हैै। उन्होंने बताया झील के पानी की निकासी के लिए स्थापित गेटों के संचालन में आ रही समस्या के निदान के लिए इनका मरम्मत किया जाना अति आवश्यक था। ब्रिटिशकालीन शासनकाल में स्थापित इन गेटों में वर्षाकाल के दौरान इनके रेगुलेशन में उत्पन्न होने वाली समस्याओं का उपचार पूर्व में अपस्ट्रीम में जाकर कर लिया जाता था। परन्तु वर्तमान में इन गेटों के अपस्ट्रीम में कवरिंग व निर्माण हो जाने से यदि कोई समस्या उत्पन्न होती है तो उसका निदान करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जुलाई प्रथम सप्ताह में सिंचाई महकमे के साथ नैनीताल में स्थित नालों झील के जलस्तर नियंत्रण तथा डिस्चार्ज सम्बन्धित प्रक्रियों की समीक्षा हुई। जिसके तहत नैनीझील के किनारे नये गेटों का प्रस्ताव तैयार कर धनराशि उपलब्ध कराने के लिए बंसल द्वारा शासन को भेजा गया था।

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