फिर किराए पर चलेगी खुशियों की सवारी

देहरादून। प्रदेश में खुशियों की सवारी का संचालन फिर एक बार किराए के वाहनों से होगा। स्वास्थ्य विभाग ने 24 ऐसे वाहनों को चिह्नित किया है, जो आउटडेटेड हो चुकी हैं। ऐसे में योजना का संचालन करने वाली नई कंपनी गाड़ियां किराए पर लेकर चलाएगी। इसके लिए टेंडर में कंपनियों से गाड़ियों के संचालन का रेट भी मांगा गया है। जुलाई माह के अंत में खुशियों की सवारी के लिए टेंडर खुलना है। 
प्रसव उपरांत जच्चा-बच्चा को घर तक छोडऩे के लिए शुरू की गई खुशियों की सवारी (केकेएस) पिछले चार माह से ठप है। कई गाड़ियां खड़ी-खड़ी कबाड़ हो रही हैं। ये वाहन खुले में खड़े जंक खा रहे हैं। कई के पार्ट्स खराब हैं और कुछ के टायर भी पंक्चर हो चुके हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग अब ऐसी गाड़ियों को नीलाम करने की तैयारी कर चुका है। बताया गया कि नए कंपनी से किराए पर गाड़ियां चलाई जाएंगी। जिसके लिए कंपनी को हर माह एक निर्धारित भुगतान किया जाएगा। परिवहन विभाग की गाइडलाइन और मानकों के हिसाब से 24 गाडिय़ों को चिन्हित किया गया है, जिनकी निलामी की जाएगी। 
इससे पहले खुशियों की सवारी के संचालन का जिम्मा समस्त जनपदों के सीएमओ को दिया गया था। इसके लिए प्रति केस 450 रुपए निर्धारित किया गया था। पर संचालन में आ रही दिक्कतों के कारण सीएमओ ने इससे हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में इसे पुन: पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है। 

19 सितम्बर 2011 को प्रसव उपरांत जच्चा-बच्चा को घर तक पहुंचाने के लिए सरकार ने खुशियों की सवारी योजना शुरू की तब किराए के वाहनों से ही यह सेवा शुरू हुई थी। बाद में 30 मार्च 2013 को किराये के वाहनों की जगह सरकार ने अपनी गाड़ियां खरीदकर योजना का संचालन किया। जिनकी संख्या अब 95 हो चुकी है। पर कई वाहन अब कंडम हो चुके हैं। ऐसे में दोबारा योजना किराए के वाहनों में संचालित की जाएगी। 

एनएचएम मिशन निदेशक युगल किशोर पंत का कहना है कि नई कंपनी जो केकेएस का संचालन करेगी वह किराए पर गाड़ी चलाएगी। अब तक इस सेवा में शामिल जो सरकारी गाड़ियां फिट नहीं हैं वे नीलाम कर दी जाएंगी। 24 गाड़ियां चिह्नित की जा चुकी हैं। 

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