देहरादून। उत्तराखंड राज्य प्राप्ति आंदोलन के लिये लंबे समय तक अनशन करने वाले बाबा मोहन उत्तराखंडी की 16 वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। शनिवार को कचहरी रोड़ स्थित पार्टी कार्यालय में में श्रधांजलि सभा का आयोजन किया गया। बाबा मोहन को श्रधांजलि देते हुए सुनील ध्यानी ने उनके जीवन संघर्षों के बारे में बताया। उन्होंने जानकारी देते हुए बाबा मोहन की जीवन यात्रा और आंदोलनों में उनकी भागीदारी को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि उनके संघर्षों को कभी भुलाता नही जा सकता। उन्होंने कहा कि आज के नवयुवकों को उनके जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेनी चाहिए। बता दें कि बाबा मोहन उत्तराखंडी की अंतिम भूख हड़ताल राज्य की स्थायी राजधानी गैरसैंण बनाने के लिये 2 अगस्त 2004 को वेनिताल, आदिबद्री चमोली में शुरू की थी। इस अनशन के दौरान 8 अगस्त 2004 को इस दुनिया से विदा हो गये। श्रद्धांजलि सभा में लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, प्रताप कुँवर, धर्मेंद्र कठैत, राजेन्द्र बिष्ट, विजय बौड़ाई, अशोक नेगी, राजेन्द्र प्रधान, ऋषि राणा राजेन्द्र प्रधान, भगवती डबराल, दुरेन्द्र रावत और नवीन भदूला आदि शामिल रहे।
