देहरादून। स्टूडेंट्स फैडरेशन आफ इण्डिया (एसएफआई) और भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई )ने रोजगार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। मंगलवार को देहरादून जिला मुख्यालय पर तमाम छात्रों ने प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 11सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रेषित किया। इस बीच छात्रों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1981 से दोनों संगठन सबको शिक्षा, सबको काम के नारे को लेकर संघर्षरत हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति शिक्षा व रोजगार की दृष्टि से सबसे ज्यादा भयावह है। जिसके लिये भाजपा की मोदी सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पूरे देश की भातिं राज्य में भी रोजगार की स्थिति नाजुक दौर पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि श्रम कानूनों को ताक पर रखकर काम के घंटे 12 कर दिये हैं। वहीं संगठन से जुड़े छात्रों ने नयी शिक्षा नीति को लेकर भी रोष जताया। छात्रों ने मांग की है कि सभी को सस्ती वैज्ञानिक और रोजगार परख शिक्षा मिलनी चाहिए। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को चिन्हित कर उनकी फीस माफ की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को रोजगार में 27 फीसदी आरक्षण के साथ ही मौजूदा एस टी /एस सी की वैकलाग तमाम पदों पर भर्ती की जानी चाहिए। वहीं इस मौके पर एसएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, महामंत्री हिमांशु चौहान, राज्य कमेटी सदस्य सोनाली, डीएवी इकाई उपाध्यक्ष अमन कंडारी और ज्योति आदि कई छात्र मौजूद रहे।
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January 16, 2025
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