देहरादून। मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि वह मसूरी विधानसभा क्षेत्र का समग्र विकास सदैव मेरी प्राथमिकता रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और पर्यटन को फोकस करते हुए आम जनमानस की आधारभूत समस्याओं को निस्तारित करते हुए वह मसूरी को नई ऊॅचाईयों तक पहुॅचाना चाहते हैं। उन्होनें बताया कि मसूरी में अब 12 मीटर ऊॅचाई के साथ 150 वर्ग मीटर में भवन एवं अन्य निर्माण किये जा सकेगें। वर्तमान में मसूरी क्षेत्र के अर्न्तगत नगर पालिका मसूरी का अधिसूचित क्षेत्र तथा 13 राजस्व ग्रामों हेतु फ्रीज जोन के अर्न्तगत मसूरी के स्थायी निवासियों को कपितय प्रतिबन्धों के अधीन 100 वर्ग मीटर निर्माण की अनुमति है तथा विकसित एवं अविकसित क्षेत्र के अर्न्तगत 150 वर्ग मीटर निर्माण की अनुमति है। उक्त क्षेत्र के अर्न्तगत वर्तमान में कोई महायोजना प्रभावी नहीं है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा इस नीति को कैबिनेट में लाकर यह संसोधन किया है कि मसूरी विकास क्षेत्र के फ्रीज जोन एवं अधिसूचित क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में पर्वतीय क्षेत्र हेतु प्राविधानित उपविधि लागू होगें। इस क्षेत्र हेतु पूर्व में निर्गत सभी प्राविधानों को अधिक्रमित किया गया है। यदि किसी क्षेत्र विशेष हेतु उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय अथवा राष्ट्रीय हरित न्यायाअधिकरण (एनजीटी) द्वारा विशेष आदेश दिये गया हो तो वह अनुमन्य होगें। उपरोक्त प्राविधान लागू होने से मसूरी क्षेत्र के बाह्य विकसित एवं अविकसित क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार होगा। छोटे श्रेणी के भवनों आदि का निर्माण किया जा सकेगा और पर्यटन सम्बन्धी गतिविधियों का विस्तार किया जा सकेगा। पर्यटन सम्बन्धी गतिविधियों में होटल, गेस्ट हाऊस, होम स्टे आदि सम्मिलित हैं। जिससे मसूरी नगर के कोर क्षेत्र में पर्यटकों का दबाव कम किया जा सकेगा और विकसित मसूरी के परिकल्पना को साकार कियो जा सकेगा। मसूरी में पत्रकार वार्ता में उन्हांेने कहा कि संयुक्त अस्पताल, मसूरी के भवन का लोर्कापण किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने मसूरी में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए विभाग को निर्देशित किया था। चॅूकि मसूरी, सकलाना एवं जौनपुर पट्टी तथा रवांई घाटी क्षेत्र का प्रमुख केन्द्र है, अतः स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बन्धित पूर्ण सुविधा उपलब्ध होना अति आवश्यक है। इसी क्रम में, शासन द्वारा एक आदेश के बाद मसूरी के संयुक्त अस्पताल के लिए दो चिकित्सकों की तैनाती कर दी है। जिसमें एक रिडियोलोजिस्ट और अन्य गाइनोलोजिस्ट है। चिकित्सकों की तैनाती के साथ-साथ आज उन्होनें स्वयं भी अस्पताल का निरीक्षण भी किया और अगले कुछ महीनों में ही अस्पताल को अत्याधुनिक सुविधाऐं उपलब्ध कराये जाने की बात कही। विधायक जोशी ने पार्किग की व्यवस्था के बारे में बताते हुए कहा कि मसूरी में प्रत्येक वर्ष पर्यटकों के बढ़ते आवागमन को देखते हुए पार्किंग की समस्या गहराती जा रही है। 13वें वित्त के माध्यम से क्रिकेंग में लगभग 32 करोड़ की पार्किंग स्वीकृत करायी गयी थी, जिसका निर्माण कार्य 30 प्रतिशत पूर्ण हो गया है और अगले वर्ष मार्च तक यह पार्किंग 212 वाहनों के लिए उपलब्ध हो जाऐगी। पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए एमडीडीए के माध्यम से जीरो प्वाइंट में 1000 वाहन क्षमता की पार्किग एवं जे0पी0 बैंड में 500 वाहन क्षमता की पार्किग स्वीकृत हो गयी है और जल्द ही इसका निर्माण कार्य भी प्रारम्भ हो जाऐगा। मसूरी की पेयजल जैसी गम्भीर समस्या पर बोलते हुए उन्होने कहा कि मसूरी में बढ़ती पेयजल की समस्या को देखते हुए यमुना पेयजल योजना का निर्माण भी कराया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा मसूरी पेयजल योजना को स्वीकृति प्रदान की है। यह योजना लगभग 144 करोड़ की लागत से बनेगी और लगभग 03 वर्ष का समय इस योजना के निर्माण में लगेगा। इसी के साथ-साथ मुख्यमंत्री घोषणा के अनुरुप कोल्टी पेयजल योजना में तीनों स्टेजों पर पम्पिंग प्लांट बदलने एवं राईजिंग मैन बदलने से जलापूर्ति पूर्ण होगी और पेयजल की समस्या से निजात मिलेगी। लगभग 50 वर्ष पूर्व बनी यह योजना का नवीनीकरण किया जा रहा है, जिसकी लागत 4.74 करोड़ होगी। उन्होनें पर्यटन विकास के क्षेत्र में बात करते हुए बताया कि मसूरी के साथ-साथ जार्ज एवरेस्ट के सौन्दर्यीकरण का कार्य भी जारी है। गांधी चैक से जार्ज एवरेस्ट तक सड़क की स्थिति को दुरस्त करने के लिए सरकार से अनुरोध किया गया है। पर्यटन को ही बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा देहरादून से मसूरी तक (पुरुकुल-मसूरी) रोपवे योजना के निर्माण के लिए भी आदेश जारी कर दिये हैं। पिछली कैबिनेट में मंत्रिमण्डल ने रोपवे योजना पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के निर्देश जारी किये हैं। इस योजना के निर्माण से मात्र 12 मिनट में देहरादून से मसूरी पहुॅचा जा सकेगा। यह योजना मसूरी में पर्यटन गतिविधियो को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।