देहरादून, जेएनएन। पुलिस विभाग में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे दारोगाओं के लिए अच्छी खबर है। पुलिस मुख्यालय ने मुख्यमंत्री को इस मामले में जल्द फैसला लेने का अनुरोध किया है। जिससे महाकुंभ से पहले रिक्त पदों पर दारोगाओं की भर्ती की जा सके। पुलिस विभाग में पहले नियमावली न बनने और बाद में नियमावली बनने पर विवाद खड़ा हो गया। इससे सिविल और इंटेलीजेंस समेत अन्य शाखाओं के 90 दारोगाओं के प्रमोशन रुके पड़े हैं। जनवरी 2019 में कैबिनेट में नियमावली पर मुहर लगी तो प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हुई। मगर, इसमें नए-पुराने नियम आड़े आने से प्रमोशन लटक गए। छह माह से यह प्रक्रिया शासन स्तर पर ठंडे बस्ते में है। मगर, गत दिनों पुलिस के उच्चाधिकारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में पूरा मामला लाते हुए कहा कि महाकुंभ में दारोगा और इंस्पेक्टरों की आवश्यकता है। ऐसे में यदि समय पर 90 दारोगा इंस्पेक्टर बने तो रिक्त पदों पर नई भर्ती की जा सकेगी। यह भर्ती सिपाहियों के रिक्त पदों के साथ-साथ हो सकेगी। इससे विभाग को भी सुविधा होगी। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले को प्राथमिकता में रखा है। उम्मीद है कि इस पर सरकार जल्द फैसला ले सकती है। इससे प्रमोशन के साथ नई भर्ती का इंतजार करने वालों की मुराद पूरी हो सकती है। पुलिस में नियमावली बनने के बाद प्रमोशन के लिए वरिष्ठता सूची जारी हुई। इस सूची में उत्तर प्रदेश के समय तैनात रहे दारोगा और प्रमोशन पाने वाले सबसे ऊपर आ गए। इसका सीधी भर्ती से आए दारोगाओं ने विरोध किया। अब नियमावली के अनुसार ही प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीदें लगाई जा रही हैं।
आइजी कार्मिक जीएस मर्तोलिया ने बताया कि सिपाही और दारोगाओं के रिक्त पदों पर कुंभ से पहले भर्ती कराने की योजना है। इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। प्रमोशन पर भी शासन ने ही निर्णय लेना है। निर्णय होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।