हरिद्वार। देश में अन्नदाता किसान की स्थिति सदैव बदहाल ही रही है। किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को लेकर पतंजलि निरंतर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में पतंजलि योगपीठ स्थित आयुर्वेद भवन के सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित कर मृदा परीक्षण किट ‘धरती का डॉक्टर’ के विविध सकारात्मक प्रभावों को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि कृषि सम्बंधी जानकारियों के अभाव में किसान हानिकारक रसायनों का प्रयोग कर अन्न पैदा करने वाली भूमि को जहरीली व बंजर बना रहा है। आज किसान बीज से लेकर खाद तक के लिए पराश्रित हो गया है। किसान को यह भी मालूम नहीं है कि उसकी भूमि में किन-किन तत्वों की कमी है तथा उसे उपजाऊ बनाने के लिए किन तत्वों का कितनी मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। इन सभी समस्याओं के निवारण हेतु पतंजलि बॉयो रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कृषि में प्रयोग होने वाले उन्नत उत्पादों को किसानों के लिए सुलभ कराया है। आचार्य जी ने कहा कि पतंजलि द्वारा निर्मित मृदा परीक्षण किट ‘धरती का डॉक्टर’ किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि इसका प्रयोग बेहद सरल है तथा लागत बहुत कम है। इसकी सहायता से किसान के खेत पर ही मृदा परीक्षण कर मात्र 20 मिनट में परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। कार्यक्रम में मदरहुड विश्वविद्यालय के बी.एस.सी. एग्रीकल्चर वर्ग के लगभग 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। सभी विद्यार्थियों को मृदा परीक्षण किट प्रदान की गई। ये विद्यार्थी उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के गाँवों में जाकर 50-50 खेतों की मृदा का परीक्षण कर किसान भाइयों को उनकी भूमि में पोषक तत्वों की कमी की जानकरी देंगे।इस अवसर पर हरिद्वार के सी.डी.ओ. विनीत तोमर , मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार सिंह यादव , मदरहुड विश्वविद्यालय रूड़की के कुलपति प्रो. (डॉ.) नरेन्द्र शर्मा, पतंजलि बॉयो रिसर्च इंस्टीट्यूट के श्री पवन जी उपस्थित रहे।
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March 18, 2025
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