मेडविन हेल्थकेयर ने देश में कोरोना वायरस का प्रसार रोकने को उठाया बड़ा कदम

देहरादून। आवश्यकता आविष्कारों की जननी है। कोविड-19 महामारी ने लाइफ साइंसेस और बायोटेक्नालॉजी के क्षेत्र में भारत की विशाल क्षमताओं और संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। महामारी ने देश के भीतर नवाचार के पारिस्थितिकी-तंत्र का पालन-पोषण करने तथा शोध एवं विकास का विस्तार करने में किसी उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। इस महामारी के नतीजे के रूप में निकला एक अभूतपूर्व उत्पाद है।
स्कैलीन हायपरचेंज कोरोना कैनन (शायकोकैन), जो एक वैज्ञानिक आविष्कार है और कोरोना वायरस का प्रसार रोकने की सामर्थ्य रखने वाला वाकई अपनी तरह का अनूठा उपकरण है। आज शायकोकैन को मेडविन हेल्थकेयर द्वारा जनता के सामने पेश किया गया था। मेडविन हेल्थकेयर कोलकाता स्थित एक कंपनी है, जो वर्चुअल सत्र के माध्यम से हेल्थकेयर और सोशल इंजीनियरिंग से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट हाथ में लेती है। इस कंपनी के पास भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया में शायकोकैन का उत्पादन एवं वितरण करने हेतु इंटरनेशनल ह्यूमनिटेरियन एग्रीमेंट मौजूद है। शायकोकैन के वर्चुअल लॉन्च पर इस उत्पाद के आविष्कारक और प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक डॉ. राजा विजय कुमार (ऑर्गनाइजेशन डी स्कैलीन एवं स्कैलीन सायबरनेटिक्स लिमिटेड, बैंगलुरु के चेयरमैन व मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी) मेडविन हेल्थकेयर के सीईओ श्री देबाशीष बोस और मेडविन हेल्थकेयर के सीएफओ ध्रूव ज्योति बोस के साथ उपस्थित थे। उपकरण की कार्यप्रणाली और प्रभावोत्पादकता के बारे में बोलते हुए शायकोकैन के आविष्कारक और भारतीय वैज्ञानिक डॉ. राजा विजय कुमार (ऑर्गनाइजेशन डी स्कैलीन एवं स्कैलीन सायबरनेटिक्स लिमिटेड, बैंगलुरु के चेयरमैन व मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी) ने जोर देकर कहा- “शायकोकैन कोरोना वायरस में मौजूद स्पाइक-प्रोटीन या एस-प्रोटीन का खात्मा करने में 99.9ः तक प्रभावी सिद्ध हुआ है। इस उपकरण को अपने स्वामित्व वाले फोटॉन-मीडिएटेड इलेक्ट्रॉन इमिटर्स (पीएमईईज) द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित उच्च संकेंद्रण वाले इलेक्ट्रॉन छोड़ने हेतु डिजाइन किया गया है।

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