लेन-देन के विवाद को किट्टी फ्रॉड का रूप देना पड़ा भारी, मुकदमा दर्ज

देहरादून। सोची समझी साजिश के तहत लेन-देन के विवाद को किट्टी फ्राॅड का रूप देकर एक महिला तारा राजपूत और उसके साथी कशिश भण्डारी ने पटेल नगर निवासी राजकुमार छाबड़ा व उनके पूरे परिवार के खिलाफ धोखा धड़ी का मुकद्दमा दर्ज करा दिया और राजकुमार छाबड़ा और उनके पूरे परिवार को बदनाम करने की नियत से यह मामला अखबारों, टी0वी0 चैनल व सोशल मीडिया पर भी प्रसारित करवा दिया ताकि उक्त तारा राजपूत व उसका साथी कशिश भण्डारी अपने को सही साबित कर सकें व राजकुमार छाबड़ा और उनके परिवार को फ्राॅड साबित कर सकें। इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात यह सामने आयी कि पुलिस ने भी बिना कोई जांच पड़ताल किये राजकुमार छाबड़ा व उनके परिवार के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज कर लिया जबकि पीड़ित परिवार ने पहले ही उक्त महिला तारा राजपूत उर्फ मधु पत्नी संजीव राजपूत, निवासिनी-एम0डी0डी0ए0 कालोनी केदारपुरम, नैशनल टेलर, निकट पानी की टंकी, देहरादून व कशिश भंडारी पुत्र नंदनसिंह भण्डारी, 91/1 ब्लाॅक द्वितीय देहरादून के विरूद्व पुलिस में शिकायत कर दी थी, लेकिन पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता राजकुमार छाबड़ा की तहरीर पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी जिस कारण शिकायतकर्ता व उसके परिवार को मजबूर होकर उच्च न्यायालय की शरण में जाना पड़ा। और अब उच्च न्यायालय के आदेश पर ही पटेलनगर पुलिस ने झूठे आरोप लगाने वाली उक्त महिला तारा राजपूत व उसके साथी कशिश भण्डारी के विरूद्व धारा 420, 406, 504, 506 व 120बी के अन्तर्गत मुकद्दमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है। मामला कुछ इस प्रकार से है कि पटेलनगर निवासी राजकुमार छाबड़ा की उक्त महिला तारा राजपूत उर्फ मधु से मुलाकात जुलाई 2017 में शिकायतकर्ता/राजकुमार छाबड़ा के लड़के का रिश्ता कराने के सम्बन्ध में हुई थी वहां तारा राजपूत ने शिकायतकर्ता/राजकुमार छाबड़ा को बताया था कि वह घरेलू किट्टी में रूचि रखती है और खुद भी किट्टी पार्टी चलाती है और इस प्रकार अपनी बातों में उलझाते हुए तारा राजपूत ने शिकायतकर्ता/राजकुमार छाबड़ा को किट्टी पार्टी का हिस्सा बना लिया। कुछ समय में ही तारा राजपूत द्वारा शिकायतकर्ता राजकुमार छाबड़ा को अन्य व्यक्तियों से भी मिलवाया जिनमें कशिश भण्डारी उपरोक्त जो कि ‘‘देहरादून टैक्सी कार्पोरेशन’’ का संचालक है से भी मिलवाया गया। और पैसों का लेन देन का सिलसिला चल पड़ा लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि शुरूआत के कुछ महीनें उसके साथियों द्वारा शिकायतकर्ता को लगभग 3 माह तक प्रत्येक माह मेरे पास 10 से 15 हजार रूपये इक्ट्ठे कर सम्भालने के लिये दिये गये लेकिन 3 माह का समय बीतते ही तारा राजपूत ने अपनी कुछ मजबूरी बताते हुए शिकायतकर्ता/राजकुमार छाबड़ा से वो सारे पैसे वापस ले लिये जबकि पहले यह तय किया गया था कि कुछ लोग मिलकर आपस में पैसा इक्ट्ठा करेंगे और हमारे बीच से ही जिसको जरूरत होगी उसको दे देंगे और उससे किश्तों में पैसा वापस लेते रहेंगे लेकिन इसी क्रम में तारा राजपूत ने मुझसे दो लाख रूपये की रकम उधार ली और उसके एवज में अपना एक चैक संख्या-543616 कैनरा बैंक दिनांकित-31/5/18 दिया और उक्त तारा राजपूत के कहने पर ही शिकायतकर्ता ने कशिश भण्डारी को भी डेढ़ लाख रूपये दे दिये। लेकिन जब शिकायतकर्ता ने अपने द्वारा दी हुई रकम उक्त तारा राजपूत और कशिश भण्डारी से वापस देने को कहा तो पहले तो वो लोग शिकायतकर्ता को टालते रहे और जब शिकायतकर्ता/राजकुमार छाबड़ा ने रकम वापसी के लिये जोर दिया तो उक्त तारा राजपूत और कशिश भण्डारी उल्टे शिकायतकर्ता को ही धमकाने लगे और कहने लगे कि हम तूझे किट्टी फ्राड के झूठे मुकद्दमें में अंदर करवा देंगे और पूरे शहर में बदनाम कर देंगे, जैसा कि उन्होंने किया भी।

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