वर्चुअल प्लेटफोर्म जूम एप पर होगा नई शिक्षानीति एवं संस्कृत विषय पर राज्यस्तरीय संवाद

देहरादून। 25 अगस्त को सुबह 10 बजे से वर्चुअल प्लेटफोर्म जूम एप पर शिक्षानीति एवं संस्कृत विषय पर राज्यस्तरीय संवाद कार्यक्रम होगा, जिसमें पूरे देश से उच्चस्तरीय शिक्षाविद जुड़ेंगे। उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा विभाग, संस्कृत भारती उत्तरांचल एवं  प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालय, आईआईटी रुड़की , केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग,  उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी,  माध्यमिक शिक्षा निदेशालय देहरादून, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय देहरादून तथा अन्य एकेडमिक संस्थानों के संयुक्त तत्वावधान में नई शिक्षा नीति एवं संस्कृत 2020 विषय पर कल 25 अगस्त को सुबह 10ः 00  बजे से 12 बजे राज्य स्तरीय ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम  आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत, संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ प्रेमचन्द शास्त्री, उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ति रावत भारद्वाज तथा साथ ही देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शरद पारधी, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओमप्रकाश सिंह नेगी, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ संजय जसोला तथा अनेक विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि गण इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। इसके साथ ही भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, उत्तराखंड केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग परिसर के निदेशक प्रोफेसर के. सुब्बारायडू,  उच्च शिक्षा निदेशालय की निदेशिका, प्रो. कुमकुम रौतेला, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, राज्य प्रशिक्षण एवं अनुसंधान विभाग की निदेशक सीमा जौनसारी राज्य के सभी शिक्षा अधिकारी शिक्षा वेद शिक्षक प्रोफेसर ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम मैं उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में संस्कृत भारती के अखिलभारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत मुख्य वक्ता रहेंगे। तथा सभी कुलपतिगण निदेशक नई शिक्षा नीति एवं संस्कृत विषय पर राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम के सहभागी बनेंगे। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्कृत शिक्षा विभाग के निदेशक कार्यक्रम निदेशक शिवप्रसाद खाली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में यह एक अभिनव पहल है, कि नई शिक्षा नीति एवं राज्य की संस्कृत विषय को जोड़ते हुए सभी भाषाओं एवं विषयों को परस्पर समन्वय करते हुए भावी भारत के निर्माण के लिए सभी शिक्षाविदों को एकत्रित होकर विचार विनिमय हेतु यह संवाद कार्यक्रम महत्वपूर्ण होने वाला है। संवाद कार्यक्रम के बाद प्रतिभागियों से सुझाव भी आमंत्रित किये  जाएंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजन सचिव डॉ. संजू प्रसाद ध्यानी, संस्कृत भारती के प्रान्त संघटनमंत्री  योगेश विद्यार्थी, संस्कृत शिक्षा विभाग के समन्वयक डॉ राम भूषण बिजल्वाण, अकादमिक समन्वयक डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट, प्रौद्योगिकी समन्वयक डॉ. सुशील चमोली, अभिनव नेगी, मीडिया समन्वयक डॉ. प्रदीप सेमवाल एवं अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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