सीएम ने प्रदान किये राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली एवं आंगनबाड़ी पुरस्कार

देहरादून। सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेश की 21 महिलाओं व किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति तीले रौतेली तथा 22 आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को सम्मानित किया। देहरादून जनपद के पुरस्कार पाने वाले को मुख्यमंत्री ने स्वयं सम्मानित किया जबकि अन्य को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों में विधायक गणों एवं जिलाधिकारियों की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। देश की आजादी के पहले और बाद में देश की सुरक्षा एवं अखण्डता लिये बलिदान देने वाला छठा बलिदानी उत्तराखण्ड का है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में चार धामों के अतिरिक्त पाँचवां धाम सैन्य धाम भी बताया है। उन्होंने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली जैसे बलिदानी सदैव हमारे प्रेरणाश्रोत रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। महिलाओं को घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारीरियों का निर्वहन करना पड़ता है। महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर के भूमि पूजन के अवसर पर प्रधानमंत्री का जय सिया राम कहना महिलाओं के प्रति सम्मान प्रकट करता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले वर्ष से राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार की धनराशि 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार की धनराशि 11 हजार से बढ़ाकर 21 हजार की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के समग्र विकास में स्त्री और पुरूष की समान भागीदारी है। समाज के महत्वपूर्ण अंग होने के नाते स्वस्थ समाज के निर्माण में भी इन की समान भूमिका है। स्त्री और पुरूष को समान रूप से आर्थिक रूप से मजबूत करना समय की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने वीरांगना तीलू रौतेली की वीरगाथा परिचय देते हुए कहा कि प्रदेश के गढ़वाल क्षेत्र की तीलु रौतेली एक ऐसी वीरांगना थी जो मात्र 15 साल की उमर में ही रणभूमि में कूद गई थी। उन्होंने सात साल तक दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी। मात्र 15 से 20 साल की उम्र में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली एक मात्र ऐसी वीरांगना है जिनकी जयंती पर प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली महिलाओं को हर साल तीलू रौतेली के जन्म दिन के अवसर पर पुरस्कृत किया जाता है। इसमें वे महिला शामिल हैं जिन्होंने शिक्षण, समाज सेवा, साहसिक कार्य, खेल, कला, क्राफ्ट, संस्कृति, पर्यावरण एवं कृषि आदि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो। इसके साथ ही कोरोना वारियर के रूप में उल्लेखनीय कार्य करने वाली आंगवाड़ी कार्यकर्तियों को भी सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूमि के कागजातों में पति के साथ पत्नी का नाम जुड़ने से उन्हें ऋण आदि सुविधा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से महिलाओं को 50 लाख तक की सम्पति क्रय करने पर मात्र एक रूप्ये शुल्क लिये जाने की बात कही। अभी महिलाओं को 25 लाख की रजिस्ट्री पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को रक्षाबंधन पर 1000 रू. की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने के लिये उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी जताया। इस अवसर पर सचिव सौजन्या निदेशक डॉ. वी षणमुगम के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में प्रीति भण्डारी, शिवानी आर्या, गुंजन बाला, जानकी चन्द, शशि देवली, डॉ. पुष्पांजलि अग्रवाल, कंचन भण्डारी, मालविका माया उपाध्याय, सुमन वर्मा,  शीतल, मधु खुगशाल, कीर्ति कुमारी, बबीता रावत, ज्योति उप्रेति, मीनू लता गुप्ता, हर्षा रावत, सुमति थपलियाल, चन्द्रकला राय शामिल हैं। इसके अलावा जनपदों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में नीता गोस्वामी, गीता देवी, पुष्पा हरड़िया, हेमा बोरा, अंजना रावत, पूनम, आसमा, सुमनलता यादव, गंगा बिष्ट, समारोज, निर्मला पाण्डेय, चन्द्रकला चन्द्र, अर्चना देवी, रोशनी, सुशीला देवी, लक्ष्मी देवी, ललिता देवी, कुसुम मेहर, बीना चैहान शामिल हैं।

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