देहरादून ।भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथौला ने पूर्व सीएम हरीश रावत के रिवर्स पलायन व पश्चाताप वाले ट्वीट पर कहा कि जो व्यक्ति खुद अपने क्षेत्र से पलायन कर गया हो तो उसके पलायन पर बयानबाजी अपने आप मे एक सबसे बड़ा ढोंग है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम की सोच पलायन वादी सोच है।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अब लगने लगा है कि उनकी राजनीतिक पारी का अंतिम समय आ गया है। इसीलिए आजकल पश्चाताप में डूबे हुए हैं। बिपिन कैंथाोला ने कहा कि हरीश रावत को समझ आ गया है कि अब उनकी राजनीतिक पारी का अंतिम समय चल रहा है, जिस कारण वह अब दिन प्रतिदिन पश्चाताप की बातें अपने सोशल मीडिया अकाउंट से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरीश रावत जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने उत्तराखंड में जो जनविरोधी काम किये, प्रदेश के विकास की गलत नीति बनाई और जनता की अनदेखी के जो काम किए, उसका उनको आज पछतावा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हरीश रावत पलायन पर सरकार और भाजपा पर हमला करते हैं। लेकिन हरीश रावत बताएं कि 2017 के चुनाव में पहाड़ की विधानसभा सीट छोड़ कर एक सीट हरिद्वार जिले और दूसरी सीट ऊधमसिंह नगर जिले में आकर चुनाव लड़ने गए थे, तब उनकी रिवर्स पलायन की सोच कहां चली गई थी। कैंथोला ने कहा कि हरीश रावत की सोच पलायन वादी सोच है। पलायन के नाम पर हरीश रावत व कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि जब वो सत्ता में थी, उनकी सरकार ने पलायन के लिए क्या किया किया ? रिवर्स माइग्रेशन के लिए कौन सी नीति बनाई ? क्या-क्या कार्य किये ?
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पलायन को लेकर संवेदनशील हैं। भाजपा की सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया। लोगों को वापस गांवों की ओर लौटने के लिए मुख्यमंत्री ने गैरसेंण में आवास बनाने के लिए वहां के भूमिधर बने। उनहोंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक संदेश उत्तराखंड के तमाम जनप्रतिनिधियों व जनता को दे दिया है कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार पहाड़ को पुनः बसाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने की कहा हरीश रावत और कांग्रेस केवल आज केवल पश्चाताप की ही बातें कर रही है। कांग्रेस फिर से जनता को बरगलाना चाहती है।
हरीश रावत को अब उस फार्मूले से बाहर निकलना चाहिए, जिस फार्मूले की राजनीति करते आ रहे है।