हाईकोर्ट ने प्रवक्ताओं की नियुक्ति मामले में तीन सप्ताह में जवाब मांगा

नैनीताल। नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रवक्ताओं की नियुक्ति के मामले में सरकार से पूछा है कि वह बताए कि वह कौन से कारण थे कि पद समाप्त होने के बाद भी इन पदों के सापेक्ष दोबारा संशोधित सूची जारी की गई। कोर्ट ने सचिव विद्यालयी शिक्षा को तीन सप्ताह में जवाब देने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने बृहस्पतिवार को ग्राम खाकर अल्मोड़ा जिले के खाकर गांव की निवासी सुनील की याचिका पर सुनवाई की। याची का कहना था कि लोक सेवा आयोग ने 2015 में प्रवक्ताओं की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। जिसमें याचिकाकर्ता अंग्रेजी विषय से चयनित हुआ और उसको मिडार ओखलकांडा में नियुक्ति दी गयी। वे अपने पिताजी की बिमारी की वजह से ज्वाइनिंग नही कर सके। इस संदर्भ में उन्होंने एक प्रार्थना पत्र विभाग को दिया कि उनकी नियुक्ति स्थान में संशोधन कर दिया जाय। इस पर बताया गया कि जिन लोगों ने कार्यभार ग्रहण नही किया है उनके पदों को रिक्त मानकर अधियाचन आयोग को भेजा गया है। 29 जनवरी 2019 को सचिव विद्यालयी शिक्षा ने 21 लोगो की एक संशोधित सूची जारी की जिसमें याची का नाम नही था। याची की ओर से इस संशोधित सूची को चुनौती देते हुए कहा कि गया कि जब पद समाप्त हो गए थे तो ये संशोधित सूची किस आधार पर और किन परिस्थितियों में निकाली गयी।

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