पेरिस। पहला राफेल जेट विमान (First Rafale jet to India) भारत को मिलने से पहले यूरोपीय मिसाइल निर्माता MBDA ने एलान किया है कि देश के लिए खास तौर पर तैयार किए गए अत्याधुनिक 36 राफेल विमान मीटियोर (Meteor) और स्काल्प मिसाइलों (Scalp Missile) से लैस होंगे। इन मिसाइलों की बेजोड़ मारक क्षमता से वायुक्षेत्र में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का दबदबा हो जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) दशहरे के दिन मंगलवार को भारत का पहला राफेल विमान हासिल करने पेरिस जा रहे हैं। वह हर साल दशहरे पर शस्त्र पूजा करते हैं, लिहाजा इस बार वह पेरिस में भी विधिवत शस्त्र पूजा करेंगे। MBDA के भारत में प्रमुख लुइस पेदेविच ने रविवार को बताया कि उनकी कंपनी की बनाई मीटियोर मिसाइल लक्ष्य को लेंस में देखे बगैर ही भेद सकती है। हवा से हवा में मार करने वाली अचूक मीटियोर मिसाइलें और स्काल्प क्रूज मिसाइलें 36 राफेल विमानों में सुसज्जित सबसे घातक हथियार होंगे। इसके चलते ही भारत ने इन विमानों का सौदा कुल 59,000 करोड़ रुपये में किया। स्काल्प और मीटियोर मिसाइलें भारतीय वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होने वाली हैं। राफेल विमान के होने से भारत को नई क्षमताएं हासिल होंगी जो पहले कभी हासिल नहीं थीं। भारत ने 36 विमानों का यह सौदा तीन साल पहले फ्रांस की प्रमुख युद्धक विमान कंपनी दासौ एविएशन से किया था। उन्होंने कहा कि भारत को दिया जाने वाला राफेल बेहद उन्नत किस्म के हथियारों से लैस है। MBDA कंपनी पिछले पांच दशकों से भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना विभिन्न दूरियों की मिसाइलों की आपूर्ति करती रही है। पिछले महीने ही उसने रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ मिस्ट्रल और ASRAAM मिसाइलों की एसेम्बली, इंटीग्रेशन और टेस्ट के लिए समझौते पर दस्तखत किए हैं। एएसआरएएएम नई पीढ़ी की नजदीक से मार करने वाली मिसाइल है। भारतीय वायुसेना को पहली बार जगुआर के लिए यह मिसाइलें मिलेंगी।
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